मैंने नेतन्याहू से कहा, बंधकों की रिहाई मामले में, आप जो चाहें करें: ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में घोषणा की कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमीर ज़ेलेंस्की रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए होने वाली वार्ताओं में शामिल होंगे। ट्रंप ने यूक्रेन शांति समझौते पर चर्चाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात जल्द ही होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुतिन चाहते हैं कि युद्ध जल्द से जल्द समाप्त हो।
ग़ाज़ा में दूसरे चरण की युद्ध-विराम वार्ताओं के बारे में उन्होंने कहा कि हमास के साथ समझौता करना इज़रायल की जिम्मेदारी है, लेकिन यह कदम उनसे परामर्श के बाद ही उठाया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बंधकों की रिहाई के बारे में कहा, “मैंने नेतन्याहू से कहा है कि तुम जो चाहो करो…”
ट्रंप का नेतन्याहू को स्वतंत्र रूप से कार्य करने की छूट देने का यह बयान ऐसे समय आया है जब उन्होंने पिछले हफ्ते हमास को चेतावनी दी थी कि अगर शनिवार तक सभी बंधकों को रिहा नहीं किया गया तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। हालांकि, हमास ने अपने वादे के अनुसार शनिवार को कैदियों की अदला-बदली के दौरान केवल तीन इज़रायली कैदियों को रिहा किया।
ट्रंप का बयान कि “नेतन्याहू को स्वतंत्र रूप से कार्य करने की छूट है” न केवल उनके कमजोर नेतृत्व को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे इज़रायल के अत्यधिक अधिकार को मान्यता देने के बजाय एक जिम्मेदार और सामूहिक दृष्टिकोण अपनाने में विफल रहे हैं। युद्ध-विराम और शांति प्रयासों में ट्रंप का हस्तक्षेप न के बराबर है, और उनका यह बयान इज़रायल को बिना किसी नियंत्रण के कार्य करने की छूट देना, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संघर्ष समाधान के प्रयासों को नजरअंदाज करने जैसा प्रतीत होता है।
इस समय, जब ग़ाज़ा में संघर्ष चरम पर है और बंधकों की रिहाई के मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा, तब नेतन्याहू को पूरी स्वतंत्रता देना उन्हें अपनी ज़िम्मेदारी से भागने का मौका देता है। इसके अलावा, हमास के साथ समझौते की जिम्मेदारी इज़रायल पर डालना, जब ट्रंप को पता है कि इज़रायल ने पहले ही समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है, उनका यह कदम सिर्फ एक जटिल स्थिति को और बढ़ावा देने जैसा है।
ट्रंप और नेतन्याहू की यह मिली-जुली नीतियां न केवल क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा रही हैं, बल्कि शांति के लिए किसी भी प्रकार के ठोस कदम को उठाने में भी उनकी विफलता को दर्शाती हैं।


popular post
बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे
बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे बिहार चुनाव के शुरुआती
संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू
कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर
4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस
4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया
कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच
भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़
कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने
महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत
महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की
5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,
कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र
रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा