हमास के हमले को, हिज़्बुल्लाह और इस्लामिक जिहाद का समर्थन
लेबनानी संगठन हिज़्बुल्लाह ने हमास के हमले का समर्थन करते हुए इसे इज़रायली अत्याचारों का जवाब बताया हैं। फिलिस्तीनी संगठन इस्लामिक जिहाद ने भी हमलों में शामिल होने की घोषणा की।
जानकारी के मुताबिक, लेबनानी संगठन हिज़्बुल्लाह का कहना है कि हमास का हमला इज़रायली अपराधों के खिलाफ एक निर्णायक प्रतिक्रिया है, हम स्थिति का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर रहे हैं और फिलिस्तीनी नेताओं के साथ सीधे संपर्क में हैं।
एआरवाई न्यूज के मुताबिक, हिज़्बुल्लाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमास का इज़रायल पर यह हमला इस्लामिक दुनिया के लिए एक स्पष्ट संदेश है, खासकर उन लोगों के लिए जो इज़रायल के साथ नियमित समझौते कर रहे हैं।
दूसरी ओर, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद संगठन ने भी इज़रायल के खिलाफ हमलों में शामिल होने की घोषणा की है। फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि फिलिस्तीनी लोगों को इज़रायली कब्जे वाली ताकतों के आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इज़रायली सेना की आक्रामकता दशकों से जारी है।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने इज़रायल और फिलिस्तीन दोनों से संयम बरतने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस समय युद्ध की जगह दोनों को धैर्य के साथ इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए।
हिज़्बुल्लाह ने लेबनान से उत्तरी इज़रायल में मोर्टार हमलों की ज़िम्मेदारी ली है। इज़राइल ने कहा है कि उसने तोप के हमलों से जवाब दिया है। हिज़्बुल्लाह यानी अल्लाह की फौज। यूएन और अमेरिका में यह प्रतिबंधित संगठन है जबकि लेबनान की सत्ता में इस संगठन की भी भागीदारी है।
यह संगठन अपने देश की सुरक्षा करने के लिए जाना जाता है। यह संगठन केवल इज़रायल को अपना दुश्मन समझता है। इस संगठन मानना है कि इज़रायल ने फ़िलिस्तीन की जो ज़मीन क़ब्ज़ा की है वह उसे लौटाकर “अल अक़्सा मस्जिद को मुसलामानों के लिए आज़ाद करे।
हिज़्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरुल्लाह हैं। हिज़्बुल्लाह का हमला दरअसल हमास के समर्थन में इसलिए आया है, ताकि इज़रायल ग़ज़ा पर जमीनी हमले बड़े पैमाने पर नहीं कर सके। क्योंकि दो तरफ युद्ध में उलझने पर इज़रायल के लिए काफी दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी।
ताजा सूचना मिलने तक इज़रायल ने ग़ाज़ा पट्टी पर हमला शुरू कर दिया है जिसमें 250 फ़िलिस्तीनियों की मौत की खबर है। दूसरी तरफ़ हिज़्बुल्लाह द्वारा भी इज़रायल पर हमला किए जाने की सूचना प्राप्त हो रही है। बहरहाल इज़रायल पर हमास के हमले ने पूरी दुनियां में इज़रायल की उस ताक़त की पोल खोल दी है जिसकी चर्चा पूरी दुनियां में थी।
अब हर एक के दिमाग़ में केवल यही प्रश्न कौंध रहा है कि इज़रायल का आयरन डोम क्यों नाकाम हो गया ? उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद जो पूरी दुनियां की सबसे तेज़ ख़ुफ़िया एजेंसी मानी जाती है उस को इस हमले की भनक तक क्यों नहीं लगी ? इज़रायल का डिफेंस सिस्टम कहाँ सो रहा था ?


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