हरियाणा: अनिल विज ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की
हरियाणा: अंबाला कैंट के भाजपा उम्मीदवार और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोका है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी राज्य में चुनाव जीतती है तो मैं हरियाणा का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं। उन्होंने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने विधायक-मंत्री रहते हुए खुद के कराए काम गिनवाए।
अंबाला कैंट से छह बार के विधायक और प्रदेश में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री रहे अनिल विज ने रविवार को अपने चुनाव कार्यालय से संकल्प पत्र जारी किया। इस दौरान विज ने सीएम पद के लिए इस बार अपनी दावेदारी पेश कर दी है। विज ने पत्रकार वार्ता में अपनी तरफ से किए गए विकास कार्य गिनाने के बाद अंत सीएम पद के लिए दावा किया। पूर्व कैबिनेट मंत्री विज ने इसकी वजह भी बताई और कहा कि मैं अभी पार्टी का सबसे सीनियर विधायक हूं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा का सबसे वरिष्ठ विधायक हूं। मैं छह बार चुनाव लड़ चुका हूं और जीत चुका हूं। अब सातवीं बार मैं चुनाव लड़ रहा हूं। मैंने आज तक अपनी पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा। मगर इस बार सारे हरियाणा प्रदेश की जनता के कहने पर, मुझे सारी हरियाणा की जनता आकर मिल रही है। मैं हरियाणा की सारी जनता के कहने पर मैं अपनी वरिष्ठता के दम पर मैं मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी करता हूं। सीएम बनाना या न बनाना हाईकमान का काम है, लेकिन अगर मुझे सीएम बनाते हैं तो मैं हरियाणा की तकदीर बदल दूंगा हरियाणा की तस्वीर बदल दूंगा।
अनिल विज का यह बयान ऐसे वक्त आया है। जबकि पार्टी क्लियर कर चुकी है कि हरियाणा में बीजेपी की वापसी होने पर नायब सिंह सैनी ही मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में विज की खुद को सीएम प्रोजेक्ट करने या पार्टी से मांग करना भविष्य में भाजपा के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। क्योंकि जून में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ऐलान कर चुके हैं कि हरियाणा का चुनाव सीएम सैनी की अगुआई में लड़ा जाएगा। पिछले दिनों कुरुक्षेत्र की रैली में पीएम मोदी ने भी चुनावी मंच से नायब सैनी के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई थीं।
बता दें कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजों का ऐलान 8 अक्टूबर को होगा। गौरतलब है कि पूर्व में गृहमंत्री रहने के बाद दौरान कई बार विज को सीएम बनाने को लेकर अफवाहें चलीं थी मगर हर बार विज यही कहते रहे थे कि उन्होंने कभी नेतृत्व से सीएम पद नहीं मांगा। इस बार जब विज सातवीं बार चुनावी मैदान में जा रहे हैं तो यह कार्ड चलकर उन्होंने संगठन को भी साफ संदेश देने का काम किया है।