यूरोपीय देश, यूक्रेन में अनंत युद्ध चाहते हैं: एलन मस्क

यूरोपीय देश, यूक्रेन में अनंत युद्ध चाहते हैं: एलन मस्क

यूरोपीय देश, यूक्रेन में एक अनंत युद्ध चाहते हैं, चाहे इसके लिए न जाने कितने माता-पिता को अपने बच्चों को खोना पड़ेगा? कितने और बच्चों को बिना पिता के बड़ा होना पड़ेगा? उनके तर्क के अनुसार, यह युद्ध कभी समाप्त नहीं होगा।» यह एलान मस्क की एक पोस्ट के जवाब में नई प्रतिक्रिया है, जो यूक्रेन में युद्ध को जारी रखने में यूरोप की भूमिका के बारे में है। मस्क ने यह टिप्पणी एक पोस्ट के जवाब में की, जिसमें डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के बयान का हवाला दिया गया था। डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा था कि «यूक्रेन में शांति युद्ध जारी रखने से ज्यादा खतरनाक है।»

प्रश्न यह उठता है कि, अगर एलन मस्क को यूक्रेन के नागरिकों की और वहां के माता-पिता और बच्चों की इतनी फ़िक्र है तो उन्होंने अब तक ग़ाज़ा युद्ध पर कोई बयान क्यों नहीं दिया? उन्होंने ग़ाज़ा नरसंहार पर नेतन्याहू और इज़रायली कैबिनेट की आलोचना क्यों नहीं की? क्या ग़ाज़ा पट्टी में रहने वाले निवासी इंसान नहीं थे ?क्या वहां के मासूम और बेगुनाह और निर्दोष बच्चों का कोई भविष्य नहीं था ? यह दोहरी मानसिकता कहां से आई ?

इससे पहले, कोपेनहेगन में रूसी राजदूत व्लादिमीर बारबिन ने कहा था कि हालांकि शांति प्राप्त करने का एक अवसर था, लेकिन डेनमार्क युद्ध के बारे में बात करना पसंद करता है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में, डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने यूक्रेन की योजना के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा था कि «यूक्रेन को इस युद्ध में जीतना चाहिए।»

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जनवरी की बैठक में रूस की सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ कहा कि यूक्रेन में संघर्ष को सुलझाने का लक्ष्य एक अल्पकालिक शांति और युद्ध जारी रखने के लिए फिर से हथियार जमा करने का अवसर नहीं होना चाहिए, बल्कि दीर्घकालिक शांति स्थापित करना होना चाहिए। पुतिन ने यह भी कहा कि रूसी अधिकारी रूसी लोगों के हितों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और यही «विशेष ऑपरेशन» का अर्थ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन में शांति «सभी लोगों और सभी राष्ट्रों के वैध हितों का सम्मान करने» पर आधारित होनी चाहिए, जो इस क्षेत्र में रहते हैं।

इस पूरे मामले में, यूरोप और रूस के बीच तनाव बना हुआ है। डेनमार्क जैसे देश यूक्रेन को समर्थन देने की वकालत कर रहे हैं, जबकि रूस यूक्रेन में अपने हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इलॉन मस्क की टिप्पणी इस बात को उजागर करती है कि युद्ध के कारण होने वाली मानवीय त्रासदी को कम करने के लिए शांति की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए, न कि युद्ध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। लेकिन प्रश्न फिर वही बाक़ी रहता है कि, मस्क, ग़ाज़ा पट्टी पर कोई बयान क्यों नहीं देते जिसे ट्रंप और नेतन्याहू नर्क बनाने की धमकी दे रहे हैं ?

popular post

यूएई ने सूडानी सेना पर दुनिया को गुमराह करने का आरोप लगाया

यूएई ने सूडानी सेना पर दुनिया को गुमराह करने का आरोप लगाया यूएई ने हथियारों

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *