20 दिसम्बर से कांग्रेस, यूपी जोड़ो यात्रा शुरू करेगी
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 20 दिसम्बर से यूपी जोड़ो यात्रा शुरू करने जा रही है। यात्रा की शुरुआत सहारनपुर के गंगोह से हो रही है। माँ शाकम्भरी देवी के दर्शन के साथ यात्रा की शुरुआत होगी।
इस यात्रा के जरिये करीब 15 लोकसभा क्षेत्र कवर होंगे। यात्रा सहारनपुर जिले से होते हुए मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी और फिर सीतापुर जिले में समाप्त होगी।
यात्रा के दौरान माँ शाकुम्भरी देवी के दर्शन का कार्यक्रम, गगोह में सूफी संत हजरत कुतुबे आलम की दरगाह पर चादर चढ़ाने का कार्यक्रम, सीतापुर स्थित तीर्थ स्थल नैमिषारण्य दर्शन का कार्यक्रम रखा गया है। यानी, कांग्रेस यूपी से अपनी दावेदारी आसानी से नहीं छोड़नेवाली है।
कांग्रेस की जो यात्रा की योजना है, इससे पूरी तरह स्पष्ट है कि कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व के साथ मुस्लिम मतदाताओं को भी इस यात्रा के माध्यम से जोड़ना चाहती है।जिन 11 जिलों और 15 लोकसभा सीटों से होकर ये यात्रा गुजर रही है, वहां भाजपा की पकड़ कमजोर रही है। साथ ही इनमें से कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। इसलिए कांग्रेस ये चाहती है कि वह उन क्षेत्रों में लोगों से मिलकर,बात कर एक परसेप्शन क्रिएट करे और आगामी लोकसभा चुनावों मे इसका फायदा मिल सके।
2014 में प्रचंड मोदी लहर में सहारनपुर लोकसभा चुनाव भाजपा जीती थी। कांग्रेस के इमरान मसूद दूसरे नंबर पर रहे। हार-जीत का अंतर करीब 65000 वोटों का था। इमरान मसूद को 4 लाख से ज्यादा वोट मिले। वहीं 2019 में सपा-बसपा के गठबंधन में ये सीट बसपा के खाते में गयी और भाजपा दूसरे नंबर पर रही। वहीं कांग्रेस को करीब 2 लाख से ऊपर वोट मिले।
सहारनपुर लोकसभा सीट पर 6 लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। साथ ही 3 लाख एससी, डेढ़ लाख गुर्जर, साढ़े तीन लाख सवर्ण के अलावा कई जातियों के वोटर हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस यहां पर अपने छिटके हुए वोट बैंक को फिर से अपनी ओर लाना चाहती है।
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जिन क्षेत्रों से यूपी जोड़ो यात्रा निकल रही है। वहां कांग्रेस की राह अकेले आसान नहीं है। ये देखा गया है कि जब सपा-रालोद-बसपा का गठबंधन हुआ है या गठबंधन से एक संयुक्त उम्मीदवार उतरा है तो वहां पर फायदा मिला है। अभी हाल ही में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में इंडिया गठबंधन की मजबूत करने की बात कहते हुए कांग्रेस को यूपी में उचित सम्मान देने की बात कही है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में चुनाव के वक्त सपा-कांग्रेस में जमकर आरोप-प्रत्यारोप हुए, जिसके बाद गठबंधन को लेकर तमाम शंकाएं दिखीं लेकिन एक बार फिर इंडिया गठबंधन को लेकर अखिलेश यादव के बयान से चीजें आगे दिशा में बढ़ते हुए दिख रही हैं। आगामी 19 दिसम्बर को होने वाली इंडिया गठबंधन की मीटिंग में और तस्वीर साफ हो जाएगी।