वक्फ संपत्तियों पर सीएम योगी आदित्यनाथ की चेतावनी

वक्फ संपत्तियों पर सीएम योगी आदित्यनाथ की चेतावनी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बोर्ड और वक्फ संपत्तियों के मामले में अपना सख्त रुख जाहिर करते हुए कहा है कि वक्फ के नाम पर कब्जा करने वालों से एक-एक इंच जमीन वापस ली जाएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि यह वक्फ बोर्ड है या जमीन माफिया का बोर्ड। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेला क्षेत्र में वक्फ की जमीन होने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि कुंभ की परंपरा वक्फ से बहुत पुरानी है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने वक्फ एक्ट में संशोधन किया है और एक-एक इंच जमीन की जांच कराई जा रही है। वक्फ के नाम पर जमीनों पर कब्जा करने वालों से जमीन वापस ली जाएगी और इन जमीनों का उपयोग गरीबों के लिए घर, शैक्षिक संस्थान और अस्पताल बनाने में किया जाएगा। संभल में धार्मिक स्थलों के विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पुराणों में हरी विष्णु के दसवें अवतार ‘कल्कि’ का जिक्र है और वहां धार्मिक स्थलों को तोड़कर कब्जा करने की कोशिश की गई थी। सरकार ने न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्रवाई कर दंगाइयों को सख्त संदेश दिया है।

धर्म परिवर्तन और घर वापसी के मुद्दे पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई अपनी इच्छा से अपने धर्म में वापस आना चाहता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। यह धर्म और परंपरा के प्रति जागरूकता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक निजी समाचार चैनल द्वारा आयोजित ‘महाकुंभ महासम्मेलन’ कार्यक्रम में उपरोक्त बातों के साथ-साथ कई अन्य विषयों पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति है। इसकी हजारों वर्षों की विरासत है और इससे संबंधित सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समारोह भी उतने ही प्राचीन हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म की ऊंचाई आकाश से अधिक है और इसकी गहराई समुद्र से ज्यादा है। इसका किसी अन्य धर्म या आस्था से तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक विरासत और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह आयोजन न केवल परंपरा के सम्मान का विषय है बल्कि इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना भी जरूरी है। मुख्यमंत्री के अनुसार, महाकुंभ के दौरान भारत के साधु-संत एकत्र होकर उस समय के सामाजिक और राजनीतिक हालात पर विचार करने की एक ऐतिहासिक परंपरा रही है। महाकुंभ का आयोजन भारत में विरासत और विकास के भव्य संगम का प्रतीक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles