अमेरिकी युवा ग़ाज़ा युद्ध में इज़रायल की कहानी पर विश्वास नहीं करते: हिलेरी क्लिंटन

अमेरिकी युवा ग़ाज़ा युद्ध में इज़रायल की कहानी पर विश्वास नहीं करते: हिलेरी क्लिंटन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी और बाराक ओबामा के राष्ट्रपति काल में विदेश मंत्री रह चुकी हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिकी युवा वर्ग में इज़रायल की घटती प्रतिष्ठा के बारे में कड़ी चेतावनी दी है।फार्स समाचार एजेंसी, अंतरराष्ट्रीय समूह के अनुसार– हिलेरी क्लिंटन ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में “इज़राइल हयूम” सम्मेलन में अपने भाषण में चेतावनी दी कि, “इज़रायल का  जनसंपर्क सबसे ख़राब है। जो कहानी बताई जानी चाहिए, वह सही और प्रभावी ढंग से नहीं सुनाई जा रही, और मुझे लगता है कि स्थिति पहले से भी खराब हो गई है।”

हिलेरी क्लिंटन ने आगे बताया कि, ग़ाज़ा युद्ध के बाद जब वह कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाती थीं, तब उन्होंने देखा कि छात्र इज़रायल की युद्ध कथाओं पर विश्वास नहीं करते। अमेरिकी युवा वर्ग में इज़रायल की घटती प्रतिष्ठा के बारे में चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, “हमने लगभग संगठित प्रयास देखा कि घटनाओं को अलग तरीके से प्रस्तुत किया जाए। धीरे-धीरे हमें समझ में आया कि, ये बुद्धिमान और शिक्षित युवा अपनी जानकारी कहां से ले रहे हैं? सोशल मीडिया से, खासकर टिकटॉक से।”

पिछले कुछ महीनों में, अमेरिका के विश्वविद्यालयों में ग़ाज़ा युद्ध के विरोध में छात्रों ने व्यापक प्रदर्शन और अनशन किए। न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय, टेक्सास विश्वविद्यालय ऑस्टिन जैसे प्रमुख विश्वविद्यालयों में छात्रों ने कैंप लगाए, प्रदर्शन किए और रैली आयोजित की, जिससे विश्वविद्यालयों को उन कंपनियों या संस्थाओं का समर्थन रोकने के लिए दबाव बनाया गया जो फिलिस्तीनियों के खिलाफ युद्ध में शामिल हैं।रिपोर्टों के अनुसार, एक छोटे समय में 55 से अधिक विश्वविद्यालयों में हजारों छात्रों ने भाग लिया।

मुख्य मांगों में शामिल थे:
विश्वविद्यालयों का इज़रायल से जुड़े संस्थानों और कंपनियों के साथ सहयोग समाप्त करना,
आर्थिक बहिष्कार,
और ग़ाज़ा में क़ब्ज़े और लूटपाट का अंत।

हिलेरी क्लिंटन ने अपने भाषण में कहा कि इज़रायल को भविष्य की ओर देखना चाहिए।  उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, “इज़रायल को ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो 7 अक्टूबर (अक़्सा तूफ़ान अभियान) की घटना के झटके में रुक न जाएं।” उन्होंने इज़रायल को सुझाव दिया कि अपनी कथा-निर्माण रणनीति में पुनर्विचार करें ताकि वैश्विक जनमत के साथ उपयुक्त संबंध स्थापित किया जा सके।

उन्होंने इज़रायली सरकार को संबोधित करते हुए कहा,
“कथा-निर्माण में सक्रिय हो। इज़रायल को अपनी कहानी इस तरह प्रस्तुत करनी चाहिए कि, दुनिया के लोग, खासकर युवा, उसे समझें और देश व घटनाओं की वास्तविक छवि प्राप्त करें, न कि केवल देश के अंदर के लोगों के लिए संदेश।”

ईरान पर दबाव बनाए रखना जरूरी
हिलेरी क्लिंटन ने अपने कुछ वक्तव्यों में ईरान के खिलाफ भी टिप्पणी की और कहा कि, आवश्यक है कि ईरान पर दबाव बना रहे और वह परमाणु समझौते की ओर न लौटे।

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