यूपी में पुल गिरने पर अखिलेश का भाजपा से कटाक्ष-भ्रष्टाचार का पुल गिरा

यूपी में पुल गिरने पर अखिलेश का भाजपा से कटाक्ष-भ्रष्टाचार का पुल गिरा

लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के विकास का दावा तब फुस्स हो गया, जब बुलंदशहर के नरसेना थाना क्षेत्र में गंगा नदी पर बन रहा निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया। हादसे के बाद मौके पर ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया और कार्य को रुकवा दिया। पुल गिरने की जानकारी होने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जम कर हमला बोला है।

पुल बनाने वाली संस्था उत्तर प्रदेश सेतु निगम के अफसर छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करके बड़े जिम्मदारों को बचाने में जुट गये हैं। जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने मामले की जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में तीन सदस्य कमेटी गठित की है। जांच रिपोर्ट आने के बाद डीएम ने दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही है।

जिलाधिकारी (डीएम) चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि मामले की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है। डीएम के मुताबिक, बुलन्दशहर को अमरोहा से जोड़ने के लिए गंगा पर पुल बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात बिछाए गए तीन स्लैब क्षतिग्रस्त होकर ढह गए।

डीएम ने कहा कि काम शुक्रवार रात करीब 11 बजे खत्म हो गया था जिसके बाद मौसम खराब हो गया और स्लैब क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि घटना के समय पुल के आसपास कोई नहीं था। यानी डीएम इस निर्माणाधीन पुल के हिस्से को गिरने के लिए एक तरह से मौसम को जिम्मेदार बता रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार देर शाम निर्माणाधीन पुल के तीन बीम भरभराकर धराशाई हो गए। आरोप है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा था और करीब एक साल पहले पुल में दरार पड़ चुकी थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग के अधिकारी मौके से नदारद रहते थे।

ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के बाद रातों-रात गिरे बीम को मिट्टी खोदकर दबाने का कार्य शुरू कर दिया गया। ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और हंगामा करते हुए कार्य को रुकवा दिया। डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात में ही तीन बीम का निर्माण हुआ था। रात में बीम गिर गए। मौसम भी रात में खराब था, फिर भी मामले की जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।

जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इस घटना के बाद पीलीभीत से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे लोकनिर्माण मंत्री जतिन प्रसाद की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। बता दें कि कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद ही जतिन प्रसाद के सहयोगी पर भ्रष्टाचार का आरोप लग चुका है।

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