कृषि क़ानूनों पर नहीं बन पाई सहमति, 4 जनवरी को फिर मिलेंगे किसान और सरकार

कृषि क़ानूनों (Farm Laws) के ख़िलाफ़ किसान पिछले एक महीने से पंजाब दिल्ली (Delhi Punjab Border) बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं इस मसले मसले पर पहले भी कई बार सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर चल चूका है लेकिन उन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था

आज फिर सरकार और किसान संगठनों के बीच 7वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है. ये बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई, जिसमें 40 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया. इस बार की बातचीत में चार प्रस्ताव मेंं से दो पर रजामंदी हो गई है. एमएसपी और कानून वापसी पर चार जनवरी को फिर बातचीत होगी. वहीं, किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने हमारी दो मांगों को मान लिया है. आज की बातचीत अच्छी रही. अब चार जनवरी को अगली वार्ता होगी, तब तक शांतिपूर्ण ढंग से किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि किसानों ने चार प्रस्ताव रखे थे, जिसमें दो पर सहमति बन गई है. पर्यावरण संबंधी अध्यादेश पर रजामंदी हो गई है. एमएसपी पर कानून को लेकर चर्चा जारी है. हम एमएसपी पर लिखित आश्वसन देने के लिए तैयार हैं. एमएसपी जारी रहेगी. बिजली बिल को लेकर भी सहमति बन गई है. पराली के मुद्दे पर भी रजामंदी हो गई है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुद्दों पर किसान-सरकार के बीच 50 फीसदी सहमति बन गई है. किसानों के लिए सम्मान और संवेदना है. आशा है कि किसान और सरकार में सहमति बनेगी. समिति बनाने के लिए सरकार पहले दिन से तैयार है

किसान-सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है. सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेगी. अब 4 जनवरी को फिर बातचीत होगी. वहीं, किसान अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.

 

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