लेबनान पर इज़रायली हमले में 274 शहीद, निर्दोष नागरिक बने निशाना
इज़रायल द्वारा सोमवार को दक्षिणी लेबनान पर किए गए भीषण और अत्यधिक विनाशकारी हमले में, इस खबर के लिखे जाने तक 274 निर्दोष लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 1024 से अधिक लोग घायल हुए हैं। शहीद होने वालों में कम से कम 21 मासूम बच्चे शामिल हैं। यह हमला लेबनान के उन क्षेत्रों पर किया गया जो पहले से ही संघर्ष और अस्थिरता का सामना कर रहे थे। इज़रायल ने हिज़बुल्लाह के ठिकानों और हथियारों के भंडार को निशाना बनाने का दावा किया, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि इन हमलों में सबसे ज़्यादा आम नागरिकों का नुकसान हुआ है, जिनका इस संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं था।
लेबनान के नागरिकों ने इन हमलों का कड़ा विरोध किया है, क्योंकि यह हमले आवासीय इलाकों और बुनियादी ढांचे को नष्ट कर रहे हैं, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी प्रभावित हो रही है। दक्षिणी लेबनान के शहर और गांव इज़रायली बमबारी के कारण मलबे में तब्दील हो रहे हैं। मरने वालों में अधिकांश ऐसे लोग हैं, जो अपने घरों में सुरक्षित रहने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इस्राइली बमबारी ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया।
लेबनान की सरकार और स्थानीय संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इज़रायली आक्रामकता को तुरंत रोकने के लिए हस्तक्षेप करें। लेबनान की स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार रात तक की गई पुष्टि के अनुसार, 274 लोगों की मौत हो चुकी है और यह संख्या लगातार बढ़ने का अनुमान है। इसके साथ ही अस्पतालों में घायलों की संख्या इतनी ज्यादा हो चुकी है कि चिकित्सा सुविधाएं भी कम पड़ने लगी हैं।
इज़रायल के इस दमनकारी हमले के बावजूद, लेबनान के लोग मजबूती से खड़े हैं। सरकार ने कहा है कि वे अपने देश की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और इज़रायल की आक्रामकता को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। लेबनानी सेना और रक्षात्मक संगठनों ने भी इज़रायली हमलों का मुकाबला करने की शपथ ली है।
इज़रायली सेना ने अपनी कार्रवाई को उचित ठहराने के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार करते हुए एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें बताया गया कि सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हेरज़ी हालिवी ने और भी बड़े हमलों की मंजूरी दे दी है। लेकिन इन हमलों का असली मकसद लेबनान को कमजोर करना और उसकी संप्रभुता पर आघात करना है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवाधिकारों के खिलाफ है।
लेबनान के विभिन्न हिस्सों में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ रही है। स्थानीय नागरिक, खासकर महिलाएं और बच्चे, इन हमलों से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लेबनान की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार समूहों से अपील की है कि वे इज़रायल की इन बर्बर कार्रवाईयों को रोकने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करें, क्योंकि यह हमले केवल सैन्य ठिकानों पर नहीं बल्कि निर्दोष लोगों की जान ले रहे हैं और उनके घरों को तबाह कर रहे हैं।