वियना वार्ता में ‘अंतरिम’ समझौते की संभावना नहीं : ईरान
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद ख़तीबज़ादेह 2015 के परमाणु समझौते के लिए तेहरान और दूसरे पक्षों के बीच फ़िलहाल समझौते की बात को ख़ारिज कर दिया, जिसको जेसीपीओए के तौर पर जाना जाता है।
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ख़तीबज़ादेह ने कहा कि हम सभी को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि जेसीपीओए में अमेरिका की वापसी की गारंटी के साथ हो और जेसीपीओए के आधार पर जो पाबंदियां लगाई गईं हैं उन्हें प्रभावी ढंग से हटाया जाए, और इसे एक अंतरिम समझौते द्वारा ही हटाया जा सकता है।
ख़तीबज़ादेह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमें एक मज़बूत और भरोसेमंद समझौते की तलाश है, और कोई भी समझौता जिसमें यह दोनों पक्ष नहीं हैं हमारे एजेंडे में शामिल नहीं हैं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा कि वियना वार्ता केवल जेसीपीओए में अमेरिका की पूरी ज़िम्मेदारी और सत्यापन योग्य वापसी सुनिश्चित करने के बारे में है, और ईरान बातचीत में 2015 के समझौते के बाहर किसी भी विषय को उठाए जाने की परमिशन नहीं देगा।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि हम न तो निराशावादी हैं और न ही आशावादी रूप से वार्ता करते हैं, साथ ही उन्होंने वियना में होने वाली बातचीत की प्रगति पर टिप्पणी की और कहा हम सबूत और साक्ष्य के आधार पर समझौता करते हैं, हालांकि इससे पहले हाल ही में ईरान के मुख्य परमाणु वार्ताकार अली बघेरी कानी ने कहा कि वियना वार्ता में प्रतिबंधों को हटाने पर असहमति कम हो रही है।
लगभग छह महीने देर से 29 नवंबर 2021 को वियना के अधिकारियों और P4+1 के बीच जिसमें इंग्लैंड, चीन, फ़्रांस, रूस और जर्मन शामिल हैं इनके बीच चर्चा की शुरुआत हुई, अमेरिका न रेगुलर भाग ले रहा है और न सीरियस ले रहा है, इस बैठक में ईरान के ख़िलाफ़ अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने और 2018 में छोड़े गए डीलर को दोबारा वाशिंग्टन वापस लाने पर ही ज़ोर दिया जाता रहा।