बाइडन की इस्राइल यात्रा, क्या ईरान के खिलाफ पकेगी खिचड़ी
बीते कुछ महीनों में इस्राइल, संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब और यूएई की नज़दीकियों को देखते हुए ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ईरान के परमाणु समझौते के खिलाफ एक नई खिचड़ी पकाई जा रही है।
बता दें कि पिछले महीने एनबीसी न्यूज ने बताया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की सऊदी अरब और इस्राइल की यात्रा स्थगित कर दी गई है जो कि जून के अंत में होने वाली थी। एक विदेशी राजनयिक और दो अमेरिकी अधिकारियों ने एनबीसी न्यूज़ को बताया कि “सऊदी स्टॉप अब जून के अंत में नहीं होगा और इस्राइल की यात्रा को भी पीछे धकेल दिया जा रहा था।
बाइडेन की यात्रा में देरी के कारणों की घोषणा नहीं की गई थी। अमेरिका अधिकारियों ने कहा है कि तारीखों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है और फिर से बदल सकती हैं। लेकिन ऐसा क्यों? क्या इस यात्रा में बाइडेन की जिंदगी सुरक्षित है? बिना किसी स्पष्ट कारण के यात्रा क्यों स्थगित कर दी गई?
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा था कि उनकी जान खतरे में है, क्योंकि मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि सऊदी में उनके रास्ते में बम फिक्स करने की संभावना है। हालाँकि बाइडेन की यात्रा स्थगित करने की कोई और वजह थी जो कि बाइडेन की इस्राइल यात्रा से स्पष्ट हो रहा है।
वहीँ दूसरी तरफ खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति सऊदी अरब कि यात्रा से पहले इसी सप्ताह इस्राइल के लिए रवाना होंगे। इस्राइल का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस सप्ताह एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए इस्राइल आ रहे हैं जो यह सुनिश्चित करेगा कि ईरान कभी भी “राष्ट्रीय शक्ति के सभी साधनों” के साथ नहीं आएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति की इस्राइल यात्रा के दौरान दोनों देशों की संयुक्त घोषणा का मुख्य बिंदु ईरान के परमाणु कार्यक्रम और आक्रामक व्यवहार पर होगा। जो बाइडेन इस्राइल यात्रा के बाद सऊदी अरब की यात्रा भी करेंगे।
इस्राइल के सरकारी अधिकारी का कहना है कि ईरान सभी अमेरिकी प्रतिनिधियों के साथ बैठकों में इस्राइल के एजेंडे में रहा है, जबकि इसे जो बाइडेन के साथ प्रधानमंत्री हायर लिप्ड की बैठक में शीर्ष पर भी रखा गया था। उनका कहना था कि “ईरान गैर-जिम्मेदारी दिखा रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धोखा दे रहा है।
सरकारी अधिकारी के अनुसार, “ईरान अपने समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए बातचीत में केवल समय का खेल खेल रहा है। हालाँकि इस्राइल और अमेरिका की नज़दीकियों को देखते हुए ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ये ईरान के परमाणु समझौते के खिलाफ एक नई खिचड़ी पकाई जा रही है।