10 वर्ष से युद्ध झेल रहे यमन ने जहाज़ रोका तो सामने आया संयुक्त राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पारिषद ने यमन में रोके जाने वाले जहाज़ को लेकर इस घटना की निंदा की है
10 वर्ष से सऊदी अरब नीट गठबंधन की ओर से थोपे गए भीषण युद्ध और बर्बर बमबारी का सामना कर रहे यमन ने संयुक्त अरब अमीरात के एक हथियार से लड़े जहाज़ को ज़ब्त कर लिया है जिसकी संयुक्त संघ ने निंदा की है।
संयुक्त अरब अमीरात के ध्वज वाले मालवाहक जहाज़ को जब से यमन के हौसी जनान्दोलन ने हुदैदा बंदरगाह पर रोक कर क़ब्ज़े में लिया है तब से कई देशों में इस मामले पर गहमागहमी चल रही है। बड़ी ख़बर यह है कि जहाज़ के चालक सदस्यों में से 7 भारतीय नागरिक हैं। साथ में बड़ी ख़बर यह भी है कि हौसियों का दावा है कि जहाज़ में ख़तरनाक हथियार लदे हुए थे लेकिन दूसरे पक्ष का कहना है कि जहाज़ में मेडिकल संबंधित सामान था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूएई के ध्वज वाले मालवाहक जहाज को यमन के हुदैदा बंदरगाह में हौसियों द्वारा बंधक बनाए जाने की निंदा करते हुए जहाज तथा उसमें सवार चालक दल के सदस्यों को तत्काल छोड़ने की मांग की है।
आपकी जानकारी के लिए यह बता दें यह जहाज़ 2 जनवरी 2022 को यमन तट पर यमनियों द्वारा बंधक बनाया गया है जिस पर संयुक्त अरब अमीरात का ध्वज लगा हुआ था। सुरक्षा परिषद ने जहाज़ और उसके चालक दल की तत्काल रिहाई की मांग की है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। भारत ने जहाज़ पर सवार सात भारतीयों की तत्काल रिहाई का अनुरोध किया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय राजदूत एस तिरुमूर्ति ने कहा,’हम इस कृत्य पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं जिसने क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। जहाज पर सवार चालक दल के सदस्यों में सात भारतीय नागरिक भी शामिल हैं और हम उनकी सुरक्षा तथा कुशलक्षेम को लेकर बहुत चिंतित हैं। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि इस जहाज पर सवार सभी सात भारतीय सुरक्षित हैं और सरकार उनकी जल्द रिहाई के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
याद रहे कि कि सऊदी अरब द्वारा पिछले 10 सालों से अधिक समय से यमन पर बम बरसाए जा रहे हैं। उनके घर तबाह हो रहे हैं। हज़ारों बच्चे मर चुके हैं, अस्पतालों और स्कूलों तक को निशाना बनाया गया है लेकिन उसके बावजूद सारे देशों समेत संयुक्त राष्ट्र संघ भी सऊदी अरब द्वारा अवैध हमले नहीं रुकवा सका।