ग़ाज़ा में जो कुछ भी हो रहा है वह नरसंहार नहीं है: जो बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ग़ाज़ा में कथित युद्ध अपराधों के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के वारंट का सामना कर रहे इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट का बचाव करते हुए कहा कि ग़ाज़ा में जो कुछ भी हो रहा है वह नरसंहार नहीं है।
नरसंहार के आरोपों का सामना कर रहे बाइडेन ने इज़रायली और अमेरिकी मंत्रियों का बचाव करते हुए कहा कि, आईसीसी का वारंट “अपमानजनक” था। गौरतलब है कि जनवरी में दक्षिण अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इज़रायल को नरसंहार का दोषी ठहराया था। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इज़रायल को गाजा में नरसंहार कृत्यों को रोकने और वहां मानवीय सहायता की पहुंच के लिए संभावित उपाय करने का आदेश जारी किया था।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट है कि इज़रायल ग़ाज़ा में नरसंहार के कृत्यों को अंजाम दे रहा है। सोमवार को व्हाइट हाउस में यहूदी अमेरिकी विरासत माह कार्यक्रम में बोलते हुए, बाइडेन ने कहा, “मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम इज़रायली मंत्रियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के लिए आईसीसी के आवेदन को खारिज करते हैं।”
यह याद रखना चाहिए कि इज़रायली आक्रमण के परिणामस्वरूप ग़ाज़ा में 35,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं, जबकि 78,000 से अधिक घायल हुए हैं। घिरे हुए क्षेत्र में 10,000 से अधिक लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। इज़रायल ने एक बार फिर ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की पहुंच के लिए सीमाएं बंद कर दी हैं, जिसके कारण घिरे क्षेत्र में बच्चों, महिलाओं और अन्य नागरिकों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है।
आईसीसी अभियोजक करीम खान ने सोमवार को इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, इज़रायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट और तीन हमास नेताओं, याह्या सिनवार, मोहम्मद दियाब इब्राहिम और इस्माइल हानियेह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट का अनुरोध किया। हालाँकि, अमेरिका और इज़रायल अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के सदस्य नहीं हैं।