हम अपने समुद्री होटलों और क्षेत्र को खुद बनाएंगे: ग़ाज़ा निवासी
फिलिस्तीनियों ने ग़ाज़ा के समुद्री तट (सी-फ्रंट) होटलों और रेस्तरां को खुद बनाने का फैसला किया है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “मिडिल ईस्ट की रिवेरा” बनाने की योजना को खारिज कर दिया है, जिसका मकसद ग़ाज़ा की आबादी को उजाड़ना है। इज़रायली आक्रामकता के कारण ग़ाज़ा की इमारतें मलबे में तब्दील हो चुकी हैं, लेकिन इस घनी आबादी वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र ने भूमध्य सागर के अपने तट पर स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा दिया है।
ग़ाज़ा के निवासी असद अबू हस्सीरा ने कहा, “ग़ाज़ा में ऐसा कुछ भी नहीं जिसे बहाल नहीं किया जा सकता।” उन्होंने यह संकल्प लिया कि उनके मालिकाना हक़ वाले रेस्तरां के बनने से पहले ही वे वहाँ से लोगों को खाना मुहैया कराएंगे। अबू हस्सीरा ने आगे कहा, “ट्रंप कहते हैं कि वे नए रेस्तरां बनाना चाहते हैं, ग़ाज़ा को बदलना चाहते हैं और इस फिलिस्तीनी क्षेत्र का नया इतिहास लिखना चाहते हैं। लेकिन हम हमेशा अरब रहेंगे और हमारी अरब पहचान को किसी विदेशी इतिहास से नहीं बदला जा सकता।”
एक अन्य रेस्तरां मालिक, मोहम्मद अबू हस्सीरा ने कहा, “हमारे रेस्तरां की सेवाओं को बहाल किया जा सकता है और इसे पहले से बेहतर बनाया जा सकता है। अबू हस्सीरा ने आगे कहा, “ट्रंप ने फैसला किया है कि वे यहाँ नए रेस्तरां बनाना चाहते हैं, लेकिन ग़ाज़ा में पहले से ही रेस्तरां और होटल मौजूद हैं। आप पहले से बने प्रतिष्ठानों को क्यों गिराकर नए बनाएंगे?”
युद्ध से पहले, ग़ाज़ा इज़रायली पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल था। 2007 में हमास के नियंत्रण के बाद भी, ग़ाज़ा के समुद्र तट पर कई कैफे और रेस्तरां चलते रहे। ट्रंप की योजना का असल उद्देश्य ग़ाज़ा के फिलिस्तीनी निवासियों को वहां से बाहर निकालना है। उन्होंने इसे एक अंतरराष्ट्रीय रिज़ॉर्ट बनाने का विचार रखा था, जिसे उनके दामाद जेरार्ड कुश्नर ने भी ठुकरा दिया था। दुनिया भर में ट्रंप की इस योजना की आलोचना हो रही है।
फिलिस्तीनियों ने ट्रंप की योजना को पूरी तरह खारिज किया
विशेषज्ञों ने कहा कि यह “ग़ाज़ा में फिलिस्तीनियों की जातीय सफाई (एथनिक क्लींजिंग) के समान है और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है।” फिलिस्तीनियों ने ट्रंप की इस योजना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और संकल्प लिया है कि वे अपने घरों के मलबे को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।
ट्रंप की यह योजना “नकबा” की याद दिलाती है
फिलिस्तीनियों का कहना है कि ट्रंप की यह योजना उन्हें “नकबा” यानी 1948 में इज़रायल की स्थापना के दौरान हुए विनाश की याद दिलाती है, जब सात लाख फिलिस्तीनियों को जबरन उनके घरों से निकाल दिया गया था।