अमेरिकी सीनेटर ने इज़राइल को आक्रामक हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध की मांग की
अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने एक बार फिर इज़राइल को आक्रामक हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के अपने निर्णय को दोहराया है। उन्होंने इज़राइल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि वह जल्द ही कांग्रेस में इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव पेश करेंगे।
बुधवार की सुबह जारी एक बयान में सैंडर्स ने कहा, “मैं इज़राइल को आक्रामक हथियारों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए प्रस्ताव का मसौदा कांग्रेस में प्रस्तुत करूंगा।” उन्होंने अपने बयान में इज़राइल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इज़राइल फिलिस्तीनी लोगों पर अपने हमलों में अंतरराष्ट्रीय और अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन कर रहा है।
अल-जज़ीरा के हवाले से सैंडर्स ने कहा, “राष्ट्रपति जो बाइडेन को तुरंत इज़राइल द्वारा किए जा रहे अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाने चाहिए।” सैंडर्स का यह बयान उस समय आया है जब इज़राइल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों के बीच संघर्ष और अधिक गहराता जा रहा है, और इज़राइल पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा भारी दबाव बनाया जा रहा है कि वह अपने सैन्य अभियानों को रोके।
सैंडर्स ने इज़राइल पर एक और गंभीर आरोप लगाया कि वह फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ अपने व्यापक युद्ध में भूख को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। उनका कहना था कि इज़राइल फिलिस्तीनी क्षेत्रों में खाद्य आपूर्ति और मानवतावादी सहायता को अवरुद्ध करके फिलिस्तीनियों को कमजोर कर रहा है, जो कि एक अमानवीय कृत्य है और इसे रोका जाना चाहिए।
सैंडर्स लंबे समय से इज़राइल के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के पक्षधर रहे हैं और उन्होंने कई मौकों पर यह मांग की है कि अमेरिकी सरकार इज़राइल की सैन्य सहायता पर पुनर्विचार करे। उन्होंने इज़राइल की नीतियों को अमेरिकी मूल्यों और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ बताते हुए कहा कि इसे जारी रखना एक गंभीर गलती होगी।
यह प्रस्ताव ऐसे समय में आ रहा है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष की निंदा की जा रही है। कई देशों और मानवाधिकार संगठनों ने इज़राइल के सैन्य अभियानों को अत्यधिक और अमानवीय करार दिया है, और सैंडर्स का यह प्रस्ताव उन आवाज़ों को और मजबूत कर सकता है जो इज़राइल के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग कर रही हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सैंडर्स का यह प्रस्ताव अमेरिकी कांग्रेस में कितनी समर्थन जुटा पाता है, क्योंकि इज़राइल और अमेरिका के संबंध हमेशा से ही मजबूत रहे हैं और इज़राइल को अमेरिकी समर्थन लंबे समय से मिलता रहा है।


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