अमेरिका के आरोप झूठे और पूरी तरह इज़रायली प्रोपेगेंडा के मुताबिक़ हैं: हमास
फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध संगठन हमास ने कहा है कि अमेरिका के लगाए गए आरोप झूठे, भ्रामक और पूरी तरह इज़रायली प्रोपेगैंडा के मुताबिक़ हैं, जो कि क़ब्ज़ा जमाए इज़रायल द्वारा फ़िलिस्तीनी जनता के ख़िलाफ़ किए जा रहे अपराधों और सुनियोजित हमलों को छिपाने का ज़रिया हैं।
हमास ने रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उस बयान को खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि हमास ने ग़ाज़ा में युद्ध-विराम समझौते का उल्लंघन किया है और फ़िलिस्तीनियों को नुक़सान पहुँचाया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने रविवार सुबह यह दावा किया था कि उसने युद्ध-विराम समझौते की निगरानी करने वाले देशों को “हमास द्वारा युद्ध-विराम तोड़े जाने के ठोस सबूतों” की जानकारी दी है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हमास ने टेलीग्राम पर एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया, “ये झूठे आरोप इज़रायली झूठ और प्रोपेगैंडा की ठीक नकल हैं। इनका असली मक़सद इज़रायल के जारी अपराधों और आक्रामक नीतियों को ढकना है।”
हमास ने आगे कहा कि इज़रायली सेना अपराधी समूहों को हथियार और धन मुहैया करा रही है, जो ग़ाज़ा में आम नागरिकों पर हमले कर रहे हैं, राहत सामग्री के ट्रकों को लूट रहे हैं और फ़िलिस्तीनियों की संपत्ति को निशाना बना रहे हैं।
हमास के मुताबिक़ “जमीन पर जो हक़ीक़त है वही सब कुछ बयां करती है। इन हथियारबंद गिरोहों के सोशल मीडिया पर जारी किए गए बयानों और वीडियो से यह साफ़ है कि इज़रायल ख़ुद अव्यवस्था फैलाने और सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने में शामिल है।”
संगठन ने यह भी बताया कि, ग़ाज़ा की पुलिस, जनता के सहयोग से, इन गिरोहों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है और कानूनी प्रक्रिया के तहत जाँच जारी है।
हमास ने अमेरिका से मांग की है कि वह इज़रायल के झूठे बयान दोहराना बंद करे और विशेष तौर पर उन अपराधी समूहों को धन और लॉजिस्टिक मदद देने में इज़रायल की भूमिका पर कार्रवाई करे।
ग़ौरतलब है कि पिछले हफ़्ते इज़रायल और हमास के बीच युद्ध-विराम और बंदियों के आदान-प्रदान का समझौता हुआ था। यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चरणबद्ध शांति योजना पर आधारित है। पहले चरण में इज़रायली बंदियों की रिहाई के बदले फ़िलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा गया है। इस योजना में ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण और हमास के बिना एक नए प्रशासन की स्थापना का प्रावधान भी शामिल है।
ग़ाज़ा की स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक इज़रायल ने ग़ाज़ा पर जारी नरसंहार युद्ध में 68,100 से ज़्यादा लोगों की हत्या की है और लगभग 1,70,200 लोगों को घायल किया है।


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