इज़रायल के कथित अत्याचारों के खिलाफ एकजुट हैं: ओआईसी, अरब लीग
ओआईसी (इस्लामिक सहयोग संगठन) और अरब लीग की संयुक्त शिखर बैठक का समापन सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुआ, जहां अरब देशों के नेताओं ने इज़रायल के खिलाफ कड़े कदम उठाने और उसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने के लिए बाध्य करने पर जोर दिया। इस बैठक का मकसद ग़ाज़ा में चल रहे संघर्ष और मानवाधिकार हनन के गंभीर मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना था।
संयुक्त बयान में संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद से अपील की गई कि वह ग़ाज़ा में तुरंत युद्ध-विराम की घोषणा करे और वहां फंसे नागरिकों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए। इस बयान में स्पष्ट रूप से इज़रायल पर आरोप लगाया गया है कि वह लगातार अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है, जिससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता खतरे में पड़ रही है।
घोषणा में यह भी कहा गया कि इज़रायल की संयुक्त राष्ट्र महासभा में सदस्यता को निलंबित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाया जाएगा। इसके लिए अरब और इस्लामी देशों ने महासभा में एक प्रस्ताव लाने की बात कही है, जिसमें इज़रायल की गतिविधियों पर अंकुश लगाने की मांग की जाएगी।
इस घोषणा में इज़रायल के कथित युद्ध अपराधों और मानवाधिकारों के उल्लंघन की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच कराने पर भी जोर दिया गया है, ताकि इन मुद्दों पर पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही सभी देशों से अपील की गई है कि वे इज़रायल को हथियार और गोला-बारूद के निर्यात या आपूर्ति पर रोक लगाएं, ताकि वह अपनी सैन्य शक्ति का इस्तेमाल निर्दोष नागरिकों के खिलाफ न कर सके।
इसके अतिरिक्त, घोषणा में इज़रायल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाने की मांग की गई, ताकि उसे अपने आक्रामक रवैये से पीछे हटने पर मजबूर किया जा सके। इसमें अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के पुराने फैसलों का भी जिक्र किया गया और उन फैसलों को लागू करने के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग की गई है।
बैठक में यह बात भी सामने आई कि इज़रायल के खिलाफ ठोस कदम न उठाने के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। इस बात पर जोर दिया गया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को न सिर्फ ग़ाज़ा में युद्ध-विराम कराना चाहिए, बल्कि वहां के लोगों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, ओआईसी और अरब लीग ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे इज़रायल के कथित अत्याचारों के खिलाफ एकजुट हैं और उस पर दबाव बनाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।


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