इज़रायली सेना में ‘यूनिट ईरान’ को भंग किया जाएगा

इज़रायली सेना में ‘यूनिट ईरान’ को भंग किया जाएगा

इज़रायली सेना में बड़े पैमाने पर पुनर्गठन की योजना बनाई गई है, जिसके तहत ‘यूनिट ईरान’ (जिसे ‘रणनीतिक योजना विभाग’ या ‘तृतीय निदेशालय’ भी कहा जाता है) को अगले महीने भंग कर दिया जाएगा। इस इकाई की जिम्मेदारियों को इज़रायली सेना की विभिन्न अन्य शाखाओं में बाँटा जाएगा।

यूनिट ईरान का कार्य और महत्त्व
यह विशेष सैन्य इकाई उन देशों पर ध्यान केंद्रित करती थी जो इज़रायल के विरोधी हैं लेकिन उसकी फ़िलिस्तीन के कब्ज़े वाले क्षेत्रों से सीधी सीमा नहीं है। इसीलिए इसे ‘यूनिट ईरान कमांड’ भी कहा जाता था। यह यूनिट खासतौर पर ईरान, सीरिया, लेबनान और अन्य ऐसे देशों की गतिविधियों पर नजर रखती थी, जो इज़रायल विरोधी माने जाते हैं।

यूनिट ईरान का विघटन ऐसे समय में किया जा रहा है जब इज़रायल और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। हाल के महीनों में इज़रायल और ईरान समर्थक समूहों के बीच सीरिया, लेबनान और ग़ाज़ा में सैन्य संघर्ष देखने को मिला है। ऐसे में इस इकाई का भंग किया जाना इज़रायल की सैन्य रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।

इज़रायली सेना में अन्य बड़े बदलाव
इज़रायली सेना के नए जनरल स्टाफ प्रमुख, एयाल ज़मीर, ने अपनी पहली समीक्षा बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिए, जिनमें शामिल हैं: 7 अक्टूबर की घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन। यह समिति उन सुरक्षा चूकों की समीक्षा करेगी, जिनके कारण हमास ने 7 अक्टूबर को इज़रायली क्षेत्र में घुसकर हमला किया था। यह जांच इज़रायली सैन्य विफलताओं और सुरक्षा एजेंसियों की गलतियों पर केंद्रित होगी।

एक नई टैंक ब्रिगेड का गठन
युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए इज़रायल नए टैंकों की एक ब्रिगेड तैयार करेगा।
यह निर्णय हमास और हिज़्बुल्लाह जैसी सशस्त्र ताकतों के ख़िलाफ़ मजबूत ज़मीनी जवाबी कार्रवाई करने की रणनीति का हिस्सा है।

एक नई ज़मीनी सेना का गठन
इस नई ब्रिगेड का उद्देश्य इज़रायली सेना की ज़मीनी युद्धक्षमता को मजबूत करना है।
यह ब्रिगेड खासकर ग़ाज़ा और लेबनान में सैन्य अभियानों के लिए तैयार की जाएगी।

आर्मर्ड कॉर्प्स की पुनर्गठित टोही कंपनी की स्थापना
इज़रायली सेना अपने आर्मर्ड कॉर्प्स (बख्तरबंद सेना) के तहत एक नई टोही (रेकोनसेंस) कंपनी स्थापित करने पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य जमीनी हमलों और टैंक ऑपरेशनों को बेहतर इंटेलिजेंस और निगरानी प्रदान करना होगा।

कट्टरपंथी यहूदी सैनिकों (हारेदी) के लिए एक विशेष सैन्य इकाई की योजना
इज़रायली सेना अति-रूढ़िवादी यहूदी (हारेदी) सैनिकों के लिए एक विशेष सैन्य इकाई स्थापित करने की संभावना पर विचार कर रही है। यह विशेष इकाई ऐसे यहूदी समुदायों को सेना में शामिल करने के लिए बनाई जा रही है, जो परंपरागत रूप से सैन्य सेवा से दूर रहे हैं।

‘यूनिट ईरान’ का विघटन क्यों किया जा रहा है?
इज़रायल के सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यूनिट ईरान की जिम्मेदारियों को अन्य सैन्य इकाइयों में बाँटना एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जिससे:
1-सैन्य संसाधनों का पुनर्वितरण किया जा सके
2-ईरान और अन्य विरोधी देशों पर निगरानी को अधिक प्रभावी बनाया जा सके
3-सुरक्षा खतरों का बेहतर विश्लेषण किया जा सके

इज़रायली सेना में यह पुनर्गठन 7 अक्टूबर के हमले के बाद उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह निर्णय ईरान विरोधी रणनीति, सैन्य संरचना में सुधार, और ज़मीनी युद्ध क्षमता को मज़बूत करने की ओर इशारा करता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ‘यूनिट ईरान’ की समाप्ति के बावजूद इज़रायल की ईरान नीति में कोई नरमी नहीं आएगी बल्कि इसे और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के प्रयास किए जाएंगे।

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