तुर्की और इस्राईल सीरिया के अमन के दुश्मन: दमिश्क़
सीरिया के खिलाफ आतंकवाद की आग भकड़ाने वाले देशों में सबसे आगे नज़र आने वाला तुर्की आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में जीत के बाद भी सीरिया की राह में बाधाएं खड़ी करने से बाज़ नहीं आ रहा है.
सीरिया में तुर्की की आतंकी कार्रवाई की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में सीरिया के दूत ने कहा कि देश में शांति स्थापना की राह में सबसे बड़ी बाधा तुर्की ओर इस्राईल बने हुए हैं.
सीरिया में इस्राईल और तुर्की की आतंकी गतिविधियों की का उल्लेख करते हुए दमिश्क़ के स्थायी दूत बसाम सब्बाग ने तुर्की और तल अवीव की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कहा कि यह दोनों देश सीरिया में शांति और अमन चैन बहाल करने की राह में रुकावटें डाल रहे हैं.
सब्बाग ने सीरिया में इन दोनों देशों की कार्रवाई को विनाशकारी बताते हुए कहा कि देश के अलग अलग हिस्सों में अमन बहाल करने के दमिश्क़ के प्रयास में यह दूँ देशों सबसे ज़्यादा रुकावटें खड़ी कर रहे हैं. उनके आक्रमण देश में शांति बहाल नहीं होने दे रहे.
उन्होंने कहा कि इस्राईल ने हाल ही में शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करते हुए दमिश्क़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को निशाना बनाया. सब्बाग ने कहा कि यह बात एक दम साफ़ है कि दमिश्क़ हवाई अड़े पर हमले के नतीजे में सभी प्रभावित होंगे और इसके खतरनाक राजनीतिक, मानवीय, सैन्य और आर्थिक परिणाम सामने आएँगे जो सीरिया के साथ साथ इस क्षेत्र दूसरे देशों को भी प्रभावित करेंगे.
उन्होंने कहा कि वेस्टर्न कंट्रीज़ अभी भी सीरिया में आतंकवा को बढ़ावा दे रहे हैं. वह अभी भी आतंकी गुटों को समर्थन दे रहे हैं. सब्बाग कहा कि सीरिया के खिलाफ पश्चिम की ओर से आर्थिक आतंकवाद की नीतियां अभी थमी नहीं हैं.
यूएनओ में सीरिया के दूत सब्बाग ने सिक्योरिटी कौंसिल से मांग की है कि वह सीरिया के खिलाफ जारी हमलों को रोकने और इस देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रभावी क़दम उठाए. सुरक्षा परिषद् अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए सीरिया में मौजूद दूसरे देशों की फ़ौज की ग़ैर क़ानूनी मौजूदगी को खत्म कराए.