युद्ध-विराम तक कैदियों की रिहाई पर नहीं होगी चर्चा: हमास
इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के एक सलाहकार का कहना है, ”ग़ाज़ा में संघर्ष-विराम तो कल ही हो सकता है, लेकिन इस शर्त पर कि हमास हमारे बंधकों को रिहा कर दे। दूसरी ओर, हमास के नेता ओसामा हमदान ने एक बार फिर कहा है कि जब तक इज़रायल पूरी तरह से हमला बंद नहीं करेगा तब तक इज़रायली कैदियों को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी।
ओसामा हमदान ने बेरूत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि अगर इज़रायल अपने बंधकों को जिंदा वापस लौटता हुआ देखना चाहता है तो उसे ग़ाज़ा पट्टी पर हमले को रोकना होगा। इज़रायली प्रधान मंत्री और उनकी सरकार एक ऐसे युद्ध में फंस गए हैं जिसका कोई अंत नजर नहीं आ रहा है और वह ग़ाज़ा की रेत में और भी तेज़ी से धंसते चले जा रहे हैं। उसके शासन का अंत बहुत निकट है।
उन्होंने फ़िलिस्तीनी गुटों को ख़त्म करने की इज़रायली धमकियों को भी खोखला दावा बताया। फ़िलिस्तीनी गुटों ने घोषणा की थी कि एक राष्ट्रीय निर्णय है कि युद्ध के अंत तक कैदियों की अदला-बदली की कोई बात नहीं होगी। हमास को संक्षिप्त युद्ध-विराम को लेकर आपत्ति थी। उसने कम से कम 14 दिनों के युद्ध-विराम का आह्वान किया था। हमास ने भी इज़रायली सैन्य अभियान पर किसी भी अस्थायी रोक को खारिज कर दिया और कहा कि वह केवल स्थायी युद्ध-विराम पर चर्चा करेगा।
यह एक युद्ध-विराम होगा जो फ़िलिस्तीनी नागरिकों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों की स्थापना पर ज़ोर देगा। इसमें फिलिस्तीनी नागरिकों को पर्याप्त भोजन और चिकित्सा सहायता पहुंचाने पर बातचीत होगी। हमास और इज़रायल के बीच 7 अक्टूबर से युद्ध चल रहा है। इस बीच, 24 से 30 नवंबर तक सात दिनों के लिए अस्थायी युद्ध-विराम रखा गया। युद्ध-विराम नहीं बढ़ाए जाने के बाद 1 दिसंबर को इजराइल ने ग़ाज़ा पर बमबारी फिर से शुरू कर दी।