जिसे नष्ट होना या समाप्त होना है, वह इज़रायल है: आयतुल्लाह ख़ामेनेई
आज, मंगलवार सुबह, हज़ारों महिलाएँ और लड़कियाँ, हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) के जन्मदिन की तिथि नज़दीक होने के अवसर पर, इस्लामिक क्रांति के नेता, आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाकात करने आईं महिलाओं को संबोधित करते हुए, आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा: अमेरिका, इज़रायली शासन और उनके कुछ सहयोगियों का यह विचार कि प्रतिरोध समाप्त हो जाएगा, पूरी तरह गलत है / जिसे नष्ट होना या समेत होना है, वह इज़रायल है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई का महत्वपूर्ण बयान
हज़रत ज़हरा (स), मुसलमान महिलाओं के लिए ईबादत, राजनीति, तालीम और जीवन में एक शाश्वत आदर्श हैं। सभी विशेषकर महिलाओं को दुश्मनों की सॉफ्टवेयर गतिविधियों से सावधान रहना चाहिए और उनकी नारेबाज़ी और प्रलोभनों से बचना चाहिए। हज़रत ज़हरा (स) ने अपने प्रचंड भाषणों के माध्यम से राजनीति और ज्ञान को एक साथ जोड़ा। उनका जीवन मुसलमान महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।
इस्लामिक गणराज्य के दुश्मनों ने समझ लिया कि कठोर उपायों से क्रांति को समाप्त नहीं किया जा सकता, अब वे प्रचार, प्रलोभन और बेईमानी जैसे सॉफ्ट तरीके अपना रहे हैं। हमारे समाज की महिलाएँ, महिलाओं से संबंधित मुद्दों और मूल्यों की रक्षा के मामले में अपनी ज़िम्मेदारी को समझें।
सीरिया की घटनाओं और इज़रायली एवं अमेरिकी अपराधों के बाद, उन्होंने सोचा कि प्रतिरोध समाप्त हो गया है; लेकिन वे पूरी तरह गलत हैं। इज़रायली शासन को लगता है कि वह सीरिया के माध्यम से हिज़बुल्लाह को घेरकर नष्ट कर देगा, लेकिन नष्ट होने वाला पहला देश इज़रायल होगा।
पश्चिमी उपनिवेशवाद ने महिलाओं को कारखानों में भेजने को स्वतंत्रता के नकाब में छुपाया
सुप्रीम लीडर ने विभिन्न दृष्टिकोणों पर टिप्पणी करते हुए पूंजीवादी और पश्चिमी नेताओं द्वारा मीडिया के माध्यम से बेईमानी और झूठे प्रचार द्वारा सत्य को छुपाने की कोशिशों की आलोचना की और उनके मकसदों को बेनकाब किया। उन्होंने कहा: “पश्चिमी उपनिवेशवाद ने महिलाओं को कारखानों में भेजने को स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के नकाब में छुपाया, लेकिन असल में उनका उद्देश्य मजदूरों का शोषण था।”
उन्होंने इस्लाम के दृष्टिकोण में महिलाओं के अधिकारों के बारे में बताते हुए कहा कि इस्लाम में महिला और पुरुष एक-दूसरे के पूरक होते हैं और दोनों का उद्देश्य और क्षमता बराबर होते हैं, फर्क केवल शारीरिक दृष्टि से होता है। इसके साथ ही, महिलाओं की मातृत्व स्थिति और उनके क़द्र को इस्लामी शिक्षा के तहत बहुत ही महान और क़ीमती बताया।
इन्क़लाब के दौरान महिलाओं की भूमिका निर्णायक थी
उन्होंने महिलाओं की शानदार प्रगति की सराहना करते हुए कहा: “इन्क़लाब के दौरान महिलाओं की भूमिका निर्णायक थी, और उनकी सक्रिय भागीदारी ने इन्क़लाब को सफल बनाया।” उन्होंने यह भी ज़ोर देकर कहा कि आज ईरान की महिलाएँ विज्ञान, राजनीति, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में असाधारण विकास कर चुकी हैं, और दुश्मन यह समझ चुका है कि इन्क़लाब को सैन्य तरीकों से पराजित करना संभव नहीं है, इसलिए अब वे सॉफ़्ट वॉर यानी प्रचार, बहकाने और बेईमानी भरे नारों के जरिए हमला कर रहे हैं।
अंत में सुप्रीम लीडर ने इज़रायली फौज की लगातार आक्रामकता के जवाब में फ़िलिस्तीनी और लेबनानी प्रतिरोध की अहमियत को स्वीकार करते हुए कहा कि “इज़रायली सरकार यह समझती है कि वह सीरिया के रास्ते हिज़बुल्लाह को समाप्त कर देगी, लेकिन हकीकत में वह खुद खत्म हो जाएगी।”