ग़ाज़ा पट्टी में शहीद पत्रकारों की संख्या 201 तक पहुंची
ग़ाज़ा के सरकारी सूचना कार्यालय ने पुष्टि की है कि उपग्रह चैनल ‘अल-क़ुद्स अल-यौम’ के पांच पत्रकारों की शहादत के बाद, ग़ाज़ा में इस्राइली हमलों के कारण शहीद हुए पत्रकारों की संख्या बढ़कर 201 हो गई है।
आज सुबह एक दुखद घटना में, इस्राइली हवाई हमले ने अल-क़ुद्स अल-यौम चैनल की प्रसारण बस को निशाना बनाया। यह हमला ग़ाज़ा पट्टी के मध्य स्थित अल-नसीरात शरणार्थी शिविर में हुआ। हमले के दौरान बस में मौजूद पांच पत्रकार अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों का पालन कर रहे थे। हमले में उनकी जान चली गई, जिससे इस्राइली शासन के पत्रकारों पर किए गए हमलों की फेहरिस्त में एक और गंभीर अपराध जुड़ गया।
‘अल-क़ुद्स अल-यौम’ चैनल ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे एक संगठित अपराध करार दिया। चैनल ने कहा कि इन पत्रकारों ने अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए जान गंवाई। उन्होंने इसे इस्राइली कब्जाधारी शासन द्वारा फिलिस्तीनी पत्रकारों और स्वतंत्र मीडिया को चुप कराने की कोशिश करार दिया।
इसके अलावा, ‘अल-मयादीन’ चैनल ने गुरुवार सुबह रिपोर्ट दी कि हाल के घंटों में ग़ज़ा पट्टी पर इस्राइली शासन द्वारा किए गए हमलों में कम से कम 40 फिलिस्तीनी नागरिक शहीद हुए हैं। इन हमलों में दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
यह घटना ग़ाज़ा पर जारी इस्राइली हमलों की गंभीरता को दर्शाती है, जहां ना केवल आम नागरिक बल्कि पत्रकार भी निशाना बन रहे हैं। पत्रकार, जो सच्चाई को दुनिया के सामने लाने का काम कर रहे हैं, इस संघर्ष में सबसे ज्यादा जोखिम झेल रहे हैं। इस्राइली हमलों में मीडिया पर हो रहे लगातार हमले इस बात का प्रमाण हैं कि कब्जाधारी शासन फिलिस्तीन की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रहा है।
यह बात भी गौर करने लायक है कि ग़ाज़ा में हाल के सप्ताहों में मीडिया के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। पत्रकारों को निशाना बनाने का उद्देश्य क्षेत्र में सच्चाई को छुपाना और दुनिया को इस संघर्ष के भयावह परिणामों से अंधकार में रखना है।