“बंधकों” की वापसी न हो पाना इज़रायल की हार है: इज़रायली राष्ट्रपति
इज़रायल के राष्ट्रपति इसाक हेरजोग ने एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि “हमने युद्ध में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन हर दिन जो बंधकों की वापसी के बिना बीतता है, वह हमारी असफलता का संकेत है।” उन्होंने यह भी कहा, “हमें हर संभव तरीका अपनाना चाहिए और सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि बंधक तुरंत अपने घर लौट सकें।”
बंधकों और परिवारों के लिए इसाक हेरजोग की चिंता
इसाक हेरजोग ने पहले भी बंधकों और उनके परिवारों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि “बंधकों के परिवारों के साथ अपमानजनक और शर्मनाक व्यवहार हो रहा है।” उन्होंने इज़रायल की अंदरूनी राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। हेरजोग ने बताया कि “शिन बेट (इज़रायल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी) के प्रमुख और सेना प्रमुख पर गद्दारी और तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगाया जा रहा है। कैबिनेट के कानूनी सलाहकार को दुश्मनी का सामना करना पड़ रहा है, और उन्हें दिन-रात बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही है।”
नेतन्याहू पर आरोप और सुरक्षा उल्लंघन
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने कार्यालय से संवेदनशील जानकारी लीक होने के मामले में “फॉरवर्ड डिफेंस” के रूप में बयान दिया। उन्होंने कहा कि “सुरक्षा कैबिनेट, वार्ता टीम और अन्य संवेदनशील एजेंसियां इस लीक के लिए जिम्मेदार हैं।” नेतन्याहू ने दावा किया कि “इस लीक का उद्देश्य उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना और उनकी विश्वसनीयता को चोट पहुंचाना है।”
अल-क़स्साम ब्रिगेड की प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम के बीच, हमास के सैन्य विंग अल-क़स्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता ने दावा किया कि “उत्तरी ग़ाज़ा में इज़रायल की सेना के हमलों के दौरान एक इज़रायली बंधक की मौत हो गई है।” यह घटना इज़रायल की सुरक्षा और कूटनीतिक स्थिति के लिए और अधिक तनावपूर्ण बन गई है।
इसाक हेरजोग ने अपने बयान में इज़रायल के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को एकजुट होकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमें हर संभव प्रयास करना होगा ताकि बंधक सुरक्षित अपने घर लौट सकें और देश की जनता का विश्वास बनाए रखा जा सके। बंधकों की वापसी इज़रायल की राष्ट्रीय प्रतिष्ठा से जुड़ा मुद्दा है।”
इज़रायल में राजनीतिक और सैन्य संकट गंभीर
इज़रायल में बंधकों की वापसी, सुरक्षा उल्लंघन और राजनीतिक अस्थिरता जैसे मुद्दे गहराते जा रहे हैं। इस दौरान, जनता और बंधकों के परिवार सरकार से प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। हेरजोग और नेतन्याहू जैसे शीर्ष नेताओं के बयानों ने इस मुद्दे को और अधिक गंभीर बना दिया है। यह घटनाक्रम बताता है कि इज़रायल में मौजूदा राजनीतिक और सैन्य संकट किस हद तक गंभीर हो चुका है।


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