ट्रम्प की विदाई ना होती तो जॉर्डन में तख्तापलट की साजिश सफल रहती

ट्रम्प की विदाई ना होती तो जॉर्डन में तख्तापलट की साजिश सफल रहती इंडिपेंडेंट ने रिपोर्ट देते हुए कहा है कि अगर अमेरिकी सत्ता से ट्रम्प की विदाई ना होती तो जॉर्डन में हुआ विद्रोह सफल रहता।

ट्रम्प की विदाई और अमेरिकी सत्ता में बाइडन की आमद ने जॉर्डन में तख्तापलट की साजिश को विफल कर दिया।

द इंडिपेंडेंट ने आज डिफेंस एंड सिक्योरिटी एडिटर इन चीफ किम संगुप्ता की रिपोर्ट ” ए रियल रॉयल ड्रामा द बैटल फॉर द थ्रोन इन जॉर्डन” प्रकाशित करते हुए जॉर्डन राजपरिवार के सदस्य शरीफ हसन दिन ज़ायद और शाही अदालत के पूर्व प्रमुख बासिम एवज़ुल्लाह के खिलाफ देशद्रोह भड़काने के आरोप में मुकदमे की कार्यवाही से अपनी बात शुरू की।

बग़दाद टुडे की रिपोर्ट के अनुसार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जॉर्डन नरेश किंग अब्दुल्लाह द्वितीय के खिलाफ तख्तापलट के प्रयासों में सऊदी क्रॉउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद एवं इस्राईल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर संकेत किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार जॉर्डन के पूर्व युवराज एवं अब्दुल्लाह के सौतेले भाई हम्ज़ा बिन हुसैन अदालत में उपस्थित नहीं हुए। उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया गया था।

लेकिन लगता है कि वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए पक्का इरादा किए हुए हैं। एक ऐसा व्यक्ति जो शासक बनना चाहता है और आरोपियों और उसके बीच एक मजबूत संबंध भी है।

इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों का बचाव कर रही वकील टीम का कहना है कि राजकुमार हम्ज़ा को अदालत में गवाह के तौर पर पेश किया जा सकता है। हम्ज़ा जॉर्डन पर शासन करना चाहते थे जॉर्डन नरेश पर हमला करना उन्होंने ही शुरू किया जिसका समर्थन शरीफ हसन ने किया। उन्होंने अपनी क्षमता के अनुसार जॉर्डन पर शासन करने के लिए सब कुछ किया।

ऐसी भी रिपोर्टें मीडिया में आई है कि सऊदी अरब बासिम एवज़ुल्लाह के खिलाफ अदालती कार्यवाही को रुकवाना चाहता था और इस काम के लिए सऊदी अरब का उच्च प्रतिनिधि दल ओमान गया भी था कि जॉर्डन को बासिम के खिलाफ किसी भी कार्यवाही से रोका जा सके।

वहीं दूसरे नंबर के आरोपी शरीफ हसन बिन जायद का भी सऊदी अरब से बहुत मधुर रिश्ता है। उनके उनके पिता अब भी सऊदी अरब में रहते हैं।

हालांकि सऊदी अरब बासिम को बचाने की कोशिशों से इंकार करता है और कहता है कि हमारा प्रतिनिधि दल किंग अब्दुल्लाह का समर्थन करने के लिए जॉर्डन पहुंचा था।

इंडिपेंडेंट ने पश्चिमी देशों एवं जॉर्डन के अधिकारियों के हवाले से कहा कि सऊदी अरब जॉर्डन में तख्तापलट के अपने प्रयासों में सफल हो जाता। लेकिन व्हाइट हाउस से डोनाल्ड ट्रम्प की विदाई और बाइडन के सत्ता में आने के कारण सऊदी अरब अपनी योजना में विफल हो गया।

हालांकि सऊदी अरब जॉर्डन में हुए तख्तापलट के असफल प्रयास में अपनी भूमिका होने से बार-बार इनका करता रहा है। जॉर्डन में तख्तापलट के मुख्य आरोपियों में शामिल जॉर्डन के पूर्व वित्त मंत्री एवं शाही अदालत के प्रमुख रह चुके बासिम जिनके पास सऊदी अरब और जॉर्डन की दोहरी नागरिकता है। इंडिपेंडेंट के अनुसार जॉर्डन में तख्तापलट का यह प्रयास हाल ही में इस क्षेत्र की सबसे विभाजन कारी घटनाओं में से एक है।

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