आतंकवाद की मार झेल रहा सीरिया खाद्य संकट से बेहाल पिछले 11 साल से आतंकवाद की मार झेल रहा सीरिया अब खाद्य संकट का सामना कर रहा है।
सीरिया पिछले 10 साल से भी अधिक समय से साम्राज्यवाद प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है जिससे इस देश में पिछले काफी समय से गृह युद्ध जारी है। सीरिया में आतंकवाद के खिलाफ सरकार की निर्णायक जीत के साथ ही इस देश में खाद्य संकट शुरू होने लगा है।
देश में गंभीर गेहूं संकट के कारण लोगों को रोटी के भी लाले पड़ गए हैं। पूर्वी सीरिया में 8 बच्चों की मां कहवा का कहना है कि देश गेहूं संकट का सामना कर रहा है। अपने बच्चों को खिलाने के लिए हमने घर पर रोटी पकाना शुरू कर दिया है। हमारे लिए बैकरी की रोटी काफी नहीं है।
सीरिया किसी समय मध्य पूर्व में गेहूं की घरेलू जरूरत से अधिक गेंहू उत्पादन करता था। मध्यपूर्व में सीरिया एकमात्र देश था जो अपनी जरूरत से ज्यादा गेहूं की उपज करता था लेकिन अब उसे आयात करने की जरूरत पड़ रही है।
सीरिया के गेहूं उत्पादन का 50 से 60 फीसद देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में होता था लेकिन आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में यह क्षेत्र दमिश्क सरकार के नियंत्रण से बाहर निकल गया था। 2020 में सीरिया केवल 10 लाख टन गेहूं उगाने में सफल रहा जो इसकी जरूरत का एक तिहाई भाग है।
दमिश्क सरकार ने हर परिवार के लिए रोटी की मात्रा को सीमित कर दिया है और पिछले 1 साल में दो बार कीमतों में भारी बढ़ोतरी की वजह से सीरिया के लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और गरीबी की चपेट में आ गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार 1, 24 करोड़ सीरियाई नागरिक जो इस देश की आबादी का तीन चौथाई हिस्सा है, खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।
केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में 10 लाख हेक्टेयर जमीन को अपने नियंत्रण से खो चुकी थी। साम्राज्यवाद एवं सऊदी इस्राईली लॉबी प्रायोजित इस्लामिक स्टेट एवं अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ सरकार पिछले 10 वर्षों से युद्ध कर रही है।
सीरिया की एक अन्य महिला ने कहा कि हम रोटी खरीदते हैं। आज एक बंडल की कीमत 500 लीरा हो गई है जिसमें 14 रोटियां होते हैं। यह एक परिवार के लिए पर्याप्त नहीं है। कभी-कभी ऐसा होता है कि एक या 2 दिन के लिए हम रोटी हासिल नहीं कर सकते। बच्चे भूखे ही सो जाते हैं।