यमन, सऊदी अरब और अमीरात के एजेंटों में तनाव बढ़ा, संघर्ष की आशंका सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के समर्थन से मन को युद्ध की आग में झोंकने वाले भगोड़े पूर्व राष्ट्रपति साउथर्न काउंसिल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
यमन में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के सहयोगियों के बीच तनाव दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।
सऊदी लीक्स ने रिपोर्ट देते हुए कहा है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के सहयोगियों के बीच यमन में तनाव में बेतहाशा वृद्धि हुई है। यमनी सूत्रों के अनुसार सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक दूसरे की उम्मीदों पर खरा न उतरने के कारण तनाव हद से ज्यादा बढ़ गया है और यह कभी भी भीषण संघर्ष का रूप ले सकता है।
सोशल मीडिया पर सऊदी अरब की नाराजगी को भलीभांति महसूस किया जा सकता है। जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि दोनों देशों के बीच यमन में कुछ भी सही नहीं चल रहा है।
साउथर्न काउंसिल की अलगाववाद की बातों पर सऊदी अरब के प्रमुख लोगों ने क्रोध प्रकट करते हुए कहा है कि यह सब यमन में संयुक्त अरब अमीरात के रूख एवं अलगाववादियों को उसके समर्थन के कारण हो रहा है।
सऊदी अरब के मुख्य समाचार पत्र ओकाज़ के सहायक संपादक अब्दुल्लाह ने कहा है कि जिनके दिलों में मैल है उनके लिए बता दें कि सऊदी राजशाही अकेला ऐसा देश है जिसकी यमन में कोई महत्वाकांक्षा नहीं है।
हमारी एकमात्र इच्छा यमन की सुरक्षा एवं स्थिरता है। दोनों पड़ोसी देशों के आपसी रिश्ते, दोनों देशों की जनता के बीच पाए जाने वाला संबंध और दोनों देशों के सामान्य हितों कारण हमारी एकमात्र इच्छा यमन के सुरक्षा एवं स्थिरता है।