सीरिया के बहादुर जवान ज़रूर इज़रायली कब्ज़े को ख़त्म करेंगे: अली ख़ामेनेई

सीरिया के बहादुर जवान ज़रूर इज़रायली कब्ज़े को ख़त्म करेंगे: अली ख़ामेनेई

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने आज सुबह, पैग़ंबर मुहम्मद (स.अ.व.) की बेटी हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.अ.) के मुबारक जन्मदिवस के मौक़े पर, हज़ारों शायरों और आम जनता से मुलाक़ात की। उन्होंने हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.अ.) को इंसानियत के लिए “हक़ के रास्ते पर चलने, मज़बूती, बहादुरी और मज़बूत दलीलों का बेहतरीन उदाहरण” बताया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुश्मन समाज में डर, मतभेद और निराशा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इनका जवाब हक़ को बयान करने और सही बातें बताने के ज़रिए दिया जा सकता है।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इज़रायली शासन के उन इरादों का ज़िक्र किया, जिनमें उन्होंने हमास और हिज़्बुल्लाह को ख़त्म करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि, इज़रायली शासन के ये इरादे पूरे नहीं हुए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की बहादुर क़ौमें इस नापाक शासन को ख़त्म कर देंगी और इस इलाक़े में एक बेहतर कल लाएंगी।

सीरिया के मौजूदा हालात पर बयान
उन्होंने कहा कि सीरिया में एक गिरोह ने बाहरी देशों की मदद से देश की आंतरिक कमज़ोरियों का फ़ायदा उठाते हुए इसे अराजकता में डाल दिया। उन्होंने अमेरिका की दोहरी नीति का ज़िक्र करते हुए कहा: अमेरिका की कोशिश है कि, या तो क्षेत्रीय देशों पर किसी कठपुतली शासक को थोपा जाए, और अगर यह मुमकिन न हो तो वहाँ अराजकता फैलाई जाए। उन्होंने सीरिया को इसी नीति का शिकार बताया।

दुश्मनों के बयानों पर प्रतिक्रिया
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अमेरिका के एक अधिकारी के उस बयान का भी ज़िक्र किया जिसमें उसने ईरान में उपद्रव फैलाने वाले लोगों का समर्थन करने की बात की थी। उन्होंने इसे “दुश्मन की मूर्खता” कहा और कहा कि ईरानी क़ौम कभी भी ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं करेगी।

फ़िलिस्तीन और हिज़्बुल्लाह की तारीफ़
उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन के हमास, जिहाद-ए-इस्लामी और हिज़्बुल्लाह ने दुश्मनों की तमाम साज़िशों के बावजूद अपनी मजबूती को बरक़रार रखा है। उन्होंने कहा कि सीरिया के बहादुर जवान ज़रूर इज़रायली कब्ज़े को ख़त्म करेंगे।

दुश्मनों के “प्रॉक्सी फ़ोर्स” के इल्ज़ाम का जवाब
उन्होंने साफ़ किया कि ईरान किसी प्रॉक्सी फोर्स (नीम प्रतिनिधि सेना) का इस्तेमाल नहीं करता। उन्होंने कहा कि यमन, फ़िलिस्तीन, इराक़ और लेबनान के लोग अपने ईमान और अपने उद्देश्य के लिए लड़ रहे हैं।

हज़रत फ़ातेमा (स.) की सीरत पर रौशनी
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने हज़रत फ़ातेमा (स.) की ज़िंदगी को स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी ज़िंदगी इंसानियत के लिए एक बेहतरीन मिसाल है। उन्होंने बताया कि हज़रत फ़ातेमा (स.अ.) की शिक्षा को फैलाना और हक़ को बयान करना एक ऐसा आदर्श है जिसे अपनाने की कोशिश की जानी चाहिए।

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