सीरिया, लगातार दूसरे दिन अमेरिका के बर्बर हमले जारी
सीरिया में ग़ैर क़ानूनी रूप से मौजूद अमेरिका सेना इस देश की धन संपदा को लूटने में लगी हुई है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दमिश्क़ की बारे बार शिकायत के बाद भी अमेरिका इस देश में अपनी आतंकी गतिविधियों से बाज़ नहीं आ रहा है.
अमेरिका सेना को सीरिया की जनता के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है लेकिन वह इस देश के तेल संपदा से भरपूर इलाक़ों पर सैन्य क़ब्ज़ा जमाए हुए है. सीरिया आर्मी और उसके सहयोगी दलों की ओर से प्रतिरोध का सामना कर रहे अमेरिका ने अपने सहयोगी आतंकी दलों की हिमायत में आज फिर लगातार दूसरे दिन सीरिया के सैन्य ठिकानों पर बर्बर हमले किये.
अरब मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने आतंकियों से लौहा लेने वाले सीरिया सेना के सहयोगी दलों के कई ठिकानों पर आज लगातरा दूसरे दिन हमले किए वहीँ सीरियन सेना की एयर डिफ़ेंस यूनिट अमेरिका के हमलों के जवाब में मैदान में उतर आई है.
स्थानीय लोगों के अनुसार आज सुबह भी अमेरिका ने सीरियन आर्मी के कई ठिकानों को निशाना बनाकर भीषण बमबारी की जिसका सीरिया की एयर डिफ़ेंस यूनिट ने मुक़ाबला किया. अमेरिका की ओर से भी इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा गया है कि अमेरिकी फ़ौज इ अपने ठिकानों पर हमले के बाद सीरिया में मौजूद अर्धसैनिक बलों के ठिकाने पर हमले किए. अमेरिका सेना के इन हमलों में अपाचे हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया.
बता दें कि सीरिया के तेल मैदान अल उमर और गैस फील्ड कोनिको में मौजूद अमेरिका के दो आतंकी अड्डों को हमलों का निशाना बनाया गया था.याद रहे कि अमेरिका आतंकी संगठन ISIS से संघर्ष और अलगाववादी गुटों को समर्थन देने के बहाने सीरिया पर अतिक्रमण किए हुए है. दमिश्क़ सरकार बार बार अमेरिका की मौजूदगी को ग़ैर क़ानूनी बताते हुए उसे देश से निकल जाने को कहती रही है. यही नहीं अमेरिका खुल्लम खुल्ला आतंकी संगठन ISIS का समर्थन करता रहा है और उसके समर्थन में सीरिया की सरकारी फ़ौज को निशाना बनाता रहा है.
सीरिया में अमेरिका की मौजूदगी के बारे में बात करते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि सीरिया में हमारी मौजूदगी का कारण इस देश के तेल के कुएँ हैं. सीरिया के गैसोलीन और पेट्रोलियम की लूट के साथ साथ अमेरिका अपनी सेना के खर्चों के लिए पड़ोसी देशों में सीरिया के अनाज और राशन की बड़ी मात्रा में तस्करी करता है.