हिज़्बुल्लाह के प्रतिनिधि का बयान: हम इज़रायल की ज़मीन हिला देंगे
लेबनान के दक्षिण में इज़रायल की मौजूदगी को खुला क़ब्ज़ा क़रार देते हुए हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ नेता ने सख्त चेतावनी दी। हिज़्बुल्लाह के संसदीय गुट “वफादारी बा-मुक़ावमत”(प्रतिरोध) के सदस्य और लेबनानी संसद के प्रतिनिधि हसन इज़्ज़ुद्दीन ने दक्षिणी लेबनान के कुछ इलाकों में इज़रायली सेना की मौजूदगी को एक खुला क़ब्ज़ा बताते हुए इज़रायल को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि “हम सभी—सरकार, सेना और जनता—इस क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ खड़े हैं और अपनी सरज़मीं को आज़ाद कराने का पूरा हक़ रखते हैं।”
लेबनानी अख़बार अल-अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक, हसन इज़्ज़ुद्दीन ने इज़रायल को साफ़ शब्दों में चेतावनी दी:
“हम इज़रायल की ज़मीन हिला देंगे, उसे चैन से नहीं बैठने देंगे और अपनी पवित्र भूमि के एक इंच पर भी उसे टिकने नहीं देंगे। यह बयान उन्होंने दक्षिणी लेबनान के तिर हर्फ़ा, अल-जबीन और शीहीन इलाकों में हिज़्बुल्लाह के कुछ शहीदों के जनाज़े के दौरान दिया।
अपने संबोधन में उन्होंने इज़रायली क़ब्ज़े को खत्म करने के लिए सरकार की भूमिका पर भी ज़ोर दिया और कहा: सरकार ने जब विश्वास मत हासिल कर लिया है, तो अब वह अपनी ज़िम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकती। हमारा यह हक़ है कि हम सरकार से मांग करें कि वह अपनी पसंद की किसी भी रणनीति—चाहे वह प्रतिरोध (मुक़ावमत) ही क्यों न हो—का इस्तेमाल करके इस दुश्मन को उन क्षेत्रों से निकाले, जहां अब भी इज़रायली सेना बनी हुई है।”
प्रधानमंत्री नवाफ़ सलाम की दक्षिणी लेबनान यात्रा पर प्रतिक्रिया
हसन इज़्ज़ुद्दीन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नवाफ़ सलाम की हालिया दक्षिणी लेबनान यात्रा को “एक महत्वपूर्ण संकेत” के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह यात्रा दर्शाती है कि सरकार इस क्षेत्र को लेकर गंभीर है और इसे प्राथमिकता दे रही है।”
इज़रायल की समय सीमा समाप्त, लेकिन क़ब्ज़ा बरकरार
18 फरवरी 2024 को हिज़्बुल्लाह और इज़रायल के बीच हुए संघर्ष-विराम समझौते के तहत इज़रायल को दक्षिणी लेबनान से पूरी तरह पीछे हटना था। लेकिन इस समय सीमा समाप्त होने से कुछ घंटे पहले ही इज़रायली सेना ने घोषणा की कि वह पांच रणनीतिक सीमा चौकियों पर अपनी मौजूदगी बरकरार रखेगी।
इज़रायल के नियंत्रण में बची हुई रणनीतिक चौकियां
इज़रायली सेना ने दक्षिणी लेबनान में निम्नलिखित पांच महत्वपूर्ण चौकियों से पीछे हटने से इनकार कर दिया:
तल अल-हमामस
तल अल-नबी औइज़ा
जबल बलात
लबूना
अल-अज़िया
तनाव बढ़ने की आशंका
लेबनान की सरकार और हिज़्बुल्लाह दोनों इज़रायली सेना की इन चौकियों से वापसी की मांग कर रहे हैं। हसन इज़्ज़ुद्दीन के इस कड़े बयान से साफ़ ज़ाहिर होता है कि यदि इज़रायल ने अपनी सेनाएं वापस नहीं बुलाईं, तो तनाव और बढ़ सकता है और संघर्ष-विराम टूटने की स्थिति भी पैदा हो सकती है।