यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार यमिना एम के आईलेट शोक्ड ने कान न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि जब तक हमास द्वारा पकड़े गए दो आईडीएफ सैनिकों के शव इस्राईल को वापस नहीं किये जाते तब तक कोविड 19 के टीके गाज़ा में स्थानांतरित नहीं किए जाना चाहिए। उन्होंने अपने सैनिक और नागरिकों से पहले गाज़ा में टीकों को पहुंचाए जाने को शर्मनाक कहा, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गाज़ा कोविड 19 (COVID-19) से अकेला भी सामना कर सकता है।
उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस्राईल ने पिछले हफ्ते हुई कैदियों की अदला बदली में सीरिया के लिए रूसी स्पूतनिक टीके खरीदे थे जिसमें दो सीरियाई चरवाहों को एक युवा इस्राईली महिला से बदला गया था।
शोक्ड ने कहा कि मुझे पता है कि इस मुद्दे को सेंसर कर दिया गया है लेकिन विदेश मामलों और रक्षा समिति की सदस्य होने के नाते मैं इसका विवरण मांग सकती हूं।
इसके साथ ही उन्होंने दक्षिणी सीमा पर इस्राईल द्वारा कोविड-19 के टीकों के बदले इस्राईली नागरिकों की रिहाई ना किए जाने को अस्वीकार्य कृत्य कहा।
गौरतलब है कि 2014 के गाज़ा युद्ध में मारे गए दो सैनिकों ओरोन शूल और लेफ्टिनेंट हैदर गोल्डिन के अवशेष हमास के पास हैं, इसके अलावा हमास ने दो इस्राईली नागरिकों को भी बंदी बनाया हुआ है जिनमें एवेरा मेंगिस्टु जो कि सितंबर 2014 में गाज़ा गए और हिशम अल-सईद जो कि 2015 में गाज़ा गए शामिल हैं।
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते इस्राईल ने फिलिस्तीन को गाज़ा में 1000 कोविड 19 के टीके पहुंचाने की अनुमति दी थी,ये टीकों की पहली शिपमेंट थी जिसे स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए भेजा गया था लेकिन शोक्ड ने कहा कि मुझे लगता है कि ये हमास के नेतृत्व में भी गया होगा।
उन्होंने कहा कि जब तक उनके पास हमारे सैनिकों के शव है तब तक मै गाज़ा की कोई सहायता या हमदर्दी नहीं करूंगी।
उन्होंने कोविड 19 के टीकों के बदले गाज़ा से अपने दोनों सैनिकों के अवशेष और दोनों नागरिकों की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि हमदर्दी लेने के बदले हमदर्दी देना भी होगी,यही सही संतुलन है।