सोशल मीडिया पोस्ट के लिए सऊदी महिला को हुई 45 साल की जेल
एक सऊदी अरब की महिला को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए 45 साल की जेल की सजा दी गई है। एक अन्य ट्विटर उपयोगकर्ता को इसी तरह की सजा पिछले हफ्ते सुनाई गई थी।
सूत्रों के अनुसार सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने के लिए इंटरनेट का उपयोग करने और सोशल मीडिया का उपयोग करके सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप में सऊदी राज्य के विशेष आपराधिक न्यायालय द्वारा नौराह बिन्त सईद अल-क़हतानी को पिछले सप्ताह के भीतर संभावित दोषी ठहराया गया है।
ग़ौरतलब है कि अल-क़हतानी को सिर्फ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के कारण 45 साल जेल की सजा सुनाई गई है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक सऊदी अरब में एक हफ्ते के भीतर यह दूसरा ऐसा मामला है जिसमें सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर इतनी कठोर सजा सुनाई गई है।
इंग्लैंड में लीड्स विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की उम्मीदवार सलमा अल-शहाब को ट्विटर पर असंतुष्टों और कार्यकर्ताओं का अनुसरण करने और उन्हें रीट्वीट करने के लिए 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। अल-क़हतानी पर हुई कार्रवाई के कागजात सऊदी अरब के दिवंगत पत्रकार जमाल खशोगी की वाशिंगटन स्थित संस्था ने जारी किए हैं हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में इन दस्तावेजों को सत्यापित नहीं किया जा सका है।
पश्चिम में इस मामले को लेकर बहस शुरू हो गई है क्योंकि पिछले महीने यहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी पहुंचे थे। पहले तो खसोगी की मौत को लेकर बाइडेन ने सऊदी अरब को अलग-थलग करने की धमकी दी थी लेकिन बाद में यूक्रेन-रूस के युद्ध की वजह से पैदा हुए ईंधन संकट को देखते हुए उन्हें यूटर्न लेना पड़ा।
अल-क़हतानी का ट्विटर पर अकाउंट कुछ खास एक्टिव नहीं है लेकिन उनके ट्वीट के कारण उनको जुलाई 2021 में गिरफ्तार कर लिया गया था और विशेष न्यायालय में इसी अपराध के लिए दोषी ठहराया थ। अल-क़हतानी ने इस महीने की शुरूआत में उच्च अदालत में अपील की लेकिन यहां से भी उनको कोई राहत नहीं मिल सकी