यमन पर सऊदी गठबंधन की भीषण बमबारी, संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी

यमन पर सऊदी गठबंधन की भीषण बमबारी, संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों द्वारा यमन पर होने वाले अत्याचारों को बयान करने की आवश्यकता नहीं है। दस साल से अधिक समय बीत चुका है जब सऊदी अरब गठबंधन यमन के नागरिकों की जान ले रहे हैं।

यमन के स्कूलों और अस्पतालों से लेकर आम जान सुविधा केंद्रों पर सऊदी अरब लगातार बमाबारी करते हुए उन्हें तबाह कर रहा है लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ समेत दूसरे किसी मानवता के ठेकेदार को कोई तकलीफ़ नहीं हो रही।

यमन की ओर से किसी भी प्रतिरोधी करवाई पर विरोध और निंदा करने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठन चुप्पी साधे हुए हैं। यमन के अंदर से ही एक प्रतिरोध करने वाला संगठन खड़ा हुआ जिसने सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों के अहम ठिकानों को निशाना बनाना शुरू किया तब से संयुक्त राष्ट्र संघ और कुछ देश उस संगठन की आलोचना करने में लगे हुए हैं और उसपर तरह तरह के आरोप लगा रहे हैं।

जनवरी के पहले सप्ताह में जब यमन के हौसी संगठन ने एक संदिग्ध जहाज़ को रोका तो यूरोप समेत संयुक्त राष्ट्र संघ भी आलोचना करने से पीछे नहीं हटा और जब प्रतिरोध करते हुए जवाबी कार्रवाई में यमन ने हमला किया तब भी आलोचना का दौर शुरू हो गया लेकिन कल जब पूरी रात सऊदी अरब और उसके सहयोगी बमबारी कर के दर्जनों लोगों की जान ले रहे थे तब किसी की न आंख खुली और न तकलीफ़ हुई।

जानकारी के अनुसार सऊदी अरब के जेट विमानों ने रात से सुबह तक में यमन के सनआ में संसद भवन और सैन्य एकेडमी पर बमबारी की। सऊदी अरब ने इन हमलों के बारे में पहले से धमकी दी थी कि वह कई हवाई हमले करेगा और रातभर बमबारी करेगा फिर भी संयुक्त राष्ट्र संघ ने सऊदी अरब की न तो आलोचना की और न ही हमला करने से रोकने के लिए कोई क़दम नहीं उठाया।

सऊदी जेट विमानों ने यमन की राजधानी के उत्तर-पश्चिम में अल-लीबी ज़िले पर हमला किया जिससे पांच आवासीय भवन नष्ट हो गए और आसपास के कई घरों को नुकसान पहुंचा। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले में महिलाओं और बच्चों सहित 23 लोग मारे गए हैं और कुछ लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं।

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