जॉर्डन में विद्रोह की आशंका को लेकर हुई हालिया गिरफ्तारियों को लेकर चर्चा में है। अब इस्राईल के एक समाचार पत्र यदीऊत अहारनूत ने इस घटनाक्रम में इस्राईल , सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की भूमिका को लेकर रहस्योद्घाटन किया है।
यदीऊत अहारनूत ने अपनी बात को सिद्ध करने के लिए जाॅर्डन के शासक अब्दुल्लाह द्वितीय की हालिया रियाज़ यात्रा और वहां पर सऊदी युवराज मुहम्मद बिन सलमान से मुलाक़ात का उल्लेख किया। यदीऊत के अनुसार सऊदी युवराज के अतिरिक्त यूएई के एक नेता का भी जाॅर्डन विद्रोह की घटना से संबंध है और संभावित रूप से वह अबू धाबी का शासक है।
जाॅर्डन नरेश के क़रीबी के रूप में मशहूर जार्डन के पूर्व वित्तमंत्री बासिम एवज़ुल्लाह सऊदी अरब के शाही परिवार और जार्डन राजकुमारों को जोड़ने वाली कड़ी में बदल गए हैं। जाॅर्डन नरेश के सौतेले भाई और युवराज हम्ज़ा बिन अलहुसैन और उनके लगभग 25 निकटवर्तियों को विद्रोह की कोशिश के संदेह में गिरफ़्तार किया गया है।
एक अन्य हेब्रू समाचापत्र “येसराईल ह्यूम” ने अरब मामलों के एक जानकार समदार बेरी के हवाले से लिखा है कि जाॅर्डन के विद्रोह की घटना के पीछे ज़ायोनी प्रधानमंत्री नेतनयाहू का हाथ भी है क्योंकि वह जाॅर्डन के वर्तमान शासक के स्थान पर वहां कोई दूसरा शासक देखना चाहते हैं।
बता दें कि जॉर्डन में बहुत से अधिकारियों को इस देश में सैन्य विद्रोह की कोशिश के आरोप में हिरासत में ले लिया गया है। जॉर्डन सुरक्षा बलों ने 20 लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें अधिकारी, क़बाइयी सरदार और शाही ख़ानदान के सदस्य शामिल हैं। इन लोगों को जॉर्डन की सुरक्षा के लिए ख़तरे के नाम पर हिरासत में लिया गया है।