ईरान की विख्यात सैन्य शाखा क़ुद्स ब्रिगेड के उप प्रमुख सरदार हिजाज़ी कल ह्रदय गति रुकने के कारण दुनिया से कूच कर गए। वह कुछ समय के लिए लेबनान में आईआरजीसी के प्रभारी रहे हैं और सीरिया में ईरानी अर्धसैनिक बलों के कमांडरों में से एक भी थे।
वह ईरान-इराक युद्ध के बाद 10 वर्षों के लिए प्रतिरोध बल के कमांडर रहें , साथ ही आईआरजीसी के संयुक्त स्टाफ के प्रमुख, आईआरजीसी के उप कमांडर-इन-चीफ और संयुक्त सैन्य बलों के चीफ ऑफ स्टाफ के सहायक जैसे कई अहम् पदों पर रहें।
वह ईरान इराक युद्ध में सद्दाम की ओर से प्रयोग किये गए रासायनिक हथियारों के चपेट में आ गए थे और ज़िंदगी भर उन रासायनिक हथियारों के दुष्प्रभाव को झेलते रहे। ईरान और खुद इराक में सद्दाम के रासायनिक हथियारों की चपेट में आने के बाद अब तक कठिन ज़िंदगी गुज़ारने वालों की बड़ी संख्या मौजूद हैं।
याद रहे कि अन्तराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा प्रतिबंध के बावजूद भी दुनिया भर के शक्तिशाली देश लगातार प्रतिबंधित हथियारों का प्रयोग करते रहें है। वियतनाम से लेकर यमन तक इस का जीता जागता उदाहरण हैं जहाँ अमेरिका और अमेरिका समर्थित देश धड़ल्ले से रासायनिक एवं अन्य प्रतिबंधित हथियारों का जमकर उपयोग करते रहे हैं और अब भी कर रहे हैं। .