रूस का दावा: दो “स्टॉर्म शैडो” मिसाइलों को मार गिराया

रूस का दावा: दो “स्टॉर्म शैडो” मिसाइलों को मार गिराया

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच रूस ने दावा किया है कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने यूक्रेन द्वारा दागी गई दो “स्टॉर्म शैडो” क्रूज मिसाइलों को मार गिराया है। यह जानकारी रूसी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स ने आज रूस के रक्षा मंत्रालय के हवाले से दी।

मिसाइल हमला और रूस का जवाब
रॉयटर्स ने एक सूत्र के हवाले से पुष्टि की है कि “स्टॉर्म शैडो” मिसाइलें रूस की जमीन पर दागी गई थीं। इसके अलावा, एक रूसी सैन्य ब्लॉगर ने टेलीग्राम पर इन मिसाइलों के टुकड़ों की तस्वीरें साझा कीं। ब्लॉगर का दावा है कि 12 “स्टॉर्म शैडो” मिसाइलें रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर दागी गई थीं। हालांकि, रूस का कहना है कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने इनमें से दो मिसाइलों को सफलतापूर्वक मार गिराया।

स्टॉर्म शैडो मिसाइल क्या है?
“स्टॉर्म शैडो” एक लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है, जिसे ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह मिसाइल 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक सटीक निशाना साधने में सक्षम है। पहले, ब्रिटेन और फ्रांस ने इन मिसाइलों को यूक्रेन को केवल अपनी सीमाओं के भीतर इस्तेमाल करने के लिए प्रदान किया था।

लेकिन हालिया घटनाक्रम में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने यूक्रेन को रूस की जमीन पर लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। यह रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव को और बढ़ाने वाला है।

रूस पर मिसाइल हमलों का यह मामला यहीं तक सीमित नहीं है। मंगलवार को अमेरिकी समाचार चैनल सीएनएन ने रूसी मीडिया के हवाले से बताया कि यूक्रेन ने अमेरिकी ATACMS मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए रूस के ब्रियांस्क क्षेत्र पर हमला किया। बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को इन लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।

रूस और पश्चिम के बीच बढ़ता तनाव
विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का समर्थन रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। यूक्रेन द्वारा “स्टॉर्म शैडो” और ATACMS जैसी मिसाइलों का इस्तेमाल रूस के क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
रूस: रूस ने इन हमलों को अपने क्षेत्र की सुरक्षा और संप्रभुता पर सीधा हमला करार दिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के हमले उनके जवाबी कदमों को और तेज कर सकते हैं।
पश्चिमी देश: अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का कहना है कि यह यूक्रेन का आत्मरक्षा का अधिकार है और उसे अपनी रक्षा के लिए हरसंभव मदद दी जाएगी।
यूक्रेन: यूक्रेन ने इस मुद्दे पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उसने पहले भी रूस के खिलाफ लंबी दूरी के हथियारों के इस्तेमाल की मांग की थी।

“स्टॉर्म शैडो” और ATACMS जैसे हथियारों का रूस के क्षेत्र पर इस्तेमाल संघर्ष को एक नए स्तर पर ले जा सकता है। रूस के पास इन हमलों का जवाब देने के लिए कई विकल्प हो सकते हैं, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह संघर्ष आने वाले दिनों में किस दिशा में बढ़ता है। सवाल यह है कि क्या पश्चिमी देशों की यह रणनीति रूस को आक्रामक रुख अपनाने पर मजबूर करेगी, या फिर यह यूक्रेन को और ताकतवर बनाएगी?

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