सीरिया में अमेरिकी फौज के ठिकानों पर इराक से दागे गए रॉकेट
इज़रायल- ईरान में चल रहे तनाव के बीच रविवार रात सीरिया में अमेरिकी फौज के ठिकानों पर हमले हुए हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये हमला इराक से किया गया। इराक की सिक्योरिटी फोर्सेस के मुताबिक अमेरिका के मिलिट्री बेस पर निनेवेह इलाके से 5 रॉकेट दागे गए।
इराकी सुरक्षा सूत्रों की ओर से रॉयटर्स को इस बारे में जानकारी दी गई है। अमेरिकी सेना के खिलाफ फरवरी की शुरुआत के बाद यह पहला हमला है। यह हमला इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी के अमेरिका की यात्रा से लौटने और व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात के एक दिन बाद हुआ है।
हाल ही में इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुदानी अमेरिका के दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से मांग की थी कि वो इराक से अपनी फौज को निकाल लें। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि हम इस हमले पर जानकारी साझा करने के लिए इराक में गठबंधन बलों के साथ बात कर रहे हैं।
ये रॉकेट हमले इराक में एक सैन्य अड्डे पर शनिवार तड़के हुए बड़े विस्फोट के एक दिन बाद हुए हैं। विस्फोट में इराकी सुरक्षा बल के एक सदस्य की मौत हो गई थी। अभी तक हमले की किसी ने ज़िम्मेदारी नहीं ली है। वैसे इस हमले का ज़िम्मेदार कातिब हिजबुल्लाह संगठन को माना जा रहा है। हालांकि इस संगठन ने हमले को लेकर किसी तरह का बयान नहीं दिया है।
कातिब हिजबुल्लाह एक इराकी शिया संगठन है। इसकी शुरुआत 2003 में अमेरिका और ब्रिटेन के इराक पर हमले के बाद कई ईरानी समर्थक समूहों के बीच एक संगठन के तौर पर हुई थी। इस समूह की स्थापना जमाल जाफर अल-इब्राहिम ने की थी, जिसे अबू महदी अल-मुहांडिस के नाम से जाना जाता है।
इस समूह ने 2003 से 2011 तक इराक युद्ध के वक्त गठबंधन सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। इसके अलावा यह समूह इराक युद्ध (2013-2017) और सीरियाई गृहयुद्ध (2011-वर्तमान) में सक्रिय रहा है। 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने तक समूह की कमान अबू महदी अल-मुहांडिस के पास थी।
इसके बाद मुहांडिस की जगह अब्दुल अजीज अल-मुहम्मदावी (अबू फदक) को पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज (पीएमएफ) का नया नेता नियुक्त किया गया। कातिब हिजबुल्लाह का लक्ष्य इराक में एक समानांतर सरकार की स्थापना करना और अमेरिका को अपने देश से बाहर निकालना है।