ग़ाज़ा में राहत सामग्री से भरे ट्रकों का पहुँचना अब बेहद मुश्किल हो गया है: संयुक्त राष्ट्र

ग़ाज़ा में राहत सामग्री से भरे ट्रकों का पहुँचना अब बेहद मुश्किल हो गया है: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से में, जहाँ अकाल और भुखमरी का खतरा तेज़ी से बढ़ रहा है, राहत सामग्री से भरे ट्रकों का पहुँचना अब बेहद मुश्किल हो गया है। वजह यह है कि सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं और इज़रायल व हमास के बीच युद्ध-विराम होने के बावजूद उत्तर की प्रमुख राहत गलियाँ अब भी बंद हैं।

संयुक्त राष्ट्र के अधीन काम करने वाली विश्व खाद्य संगठन (WFP) ने बताया कि दो साल लंबी जंग के अमेरिकी मध्यस्थता में ख़त्म होने के बाद अब रोज़ाना औसतन 560 टन खाद्य सामग्री ग़ाज़ा पहुँच रही है, लेकिन यह मात्रा अब भी ज़रूरतों के मुक़ाबले बहुत कम है।

ग़ाज़ा शहर के कुछ इलाकों में अकाल फैलने की स्थिति को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव और राहत समन्वयक टॉम फ्लेचर ने कहा कि भूख, बेघर होने और बुनियादी ढाँचे के टूटने जैसी समस्याओं को कम करने के लिए हर हफ़्ते हज़ारों राहत ट्रकों का ग़ाज़ा में प्रवेश ज़रूरी है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता के मुताबिक़, टॉम फ्लेचर आज ग़ाज़ा पहुँचे, जहाँ उन्होंने राहतकर्मियों और विभिन्न यूएन एजेंसियों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की।

फ्लेचर ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा — “मैं इस वक़्त ग़ाज़ा में हूँ, जहाँ मैं अपनी टीमों की मदद कर रहा हूँ जो जीवन बचाने वाले कार्यों के दायरे को बढ़ाने के लिए 60 दिन की योजना पर काम कर रही हैं। हमारे सामने चुनौतियाँ बहुत बड़ी हैं, लेकिन हम दृढ़ हैं कि ट्रम्प के शांति समझौते से पैदा हुए अवसरों के आधार पर हम ज़रूरतमंदों तक मदद ज़रूर पहुँचाएँगे।”

विश्व खाद्य संगठन की प्रवक्ता अबीर अतीफा ने जिनेवा में कहा, “हालाँकि राहत की मात्रा अभी भी कम है, लेकिन हम लक्ष्य के क़रीब पहुँच रहे हैं। युद्ध-विराम ने हमें थोड़ी राहत दी है और हम तेज़ी से खाद्य सहायता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि, ग़ाज़ा शहर में राहत वितरण अब तक शुरू नहीं हो सका है क्योंकि इज़रायल और उत्तरी ग़ाज़ा के बीच स्थित ज़ेकीम और एरेज़ (बैत हनून) की सीमाएँ अभी भी बंद हैं — वही क्षेत्र जहाँ मानवीय संकट सबसे ज़्यादा है।

अबीर अतीफा ने कहा, “ग़ाज़ा शहर और उत्तर तक पहुँचना हमारे लिए सबसे बड़ा चैलेंज है। आटा और तैयार खाद्य पैकेज लेकर चलने वाले ट्रक दक्षिण ग़ाज़ा की टूटी या बंद सड़कों के कारण मुश्किल में हैं। यह बेहद ज़रूरी है कि उत्तर के रास्ते खोले जाएँ, जहाँ अकाल तेज़ी से फैल रहा है। अगर इसे रोकना है, तो रास्तों का खुलना अनिवार्य है।”

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (Doctors Without Borders) ने बताया कि कई राहत संगठन अभी तक अपने पूरे स्टाफ के साथ उत्तरी ग़ाज़ा नहीं लौट पाए हैं, जिससे अस्पतालों का काम ठप है और नागरिकों को इलाज नहीं मिल पा रहा। संगठन के समन्वयक जैकब ग्रेंजर ने एक महिला का उदाहरण देते हुए कहा कि वह युद्ध में गोले के टुकड़े से घायल हुई थीं और पाँच दिन तक किसी क्लिनिक तक नहीं पहुँच सकीं। जब आखिरकार वह नर्स तक पहुँचीं तो ज़ख़्म में कीड़े और लार्वा पैदा हो चुके थे।

हालाँकि कुछ राहत सामग्री उत्तरी इलाकों तक पहुँची है — जहाँ इज़रायल और हमास के बीच सबसे तीव्र लड़ाई हुई थी — लेकिन अब भी बड़े पैमाने पर खाद्य आपूर्ति संभव नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के कार्यालय (OCHA) के अनुसार, दो दिन पहले लगभग 950 ट्रक दक्षिणी और मध्य ग़ाज़ा में दाख़िल हुए थे। ये ट्रक इज़रायल की तरफ़ स्थित कर्म अबू सलीम और केसोफीम मार्गों से गुज़रे। रिपोर्ट के मुताबिक़ बुधवार को 715 ट्रक ग़ाज़ा में दाख़िल हुए थे, जिनमें से 16 ट्रक ईंधन और गैस लेकर आए थे।

popular post

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे 

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे  बिहार चुनाव के शुरुआती

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *