पोप फ्रांसिस ने ग़ाज़ा में इज़रायली शासन की नीतियों की आलोचना की

पोप फ्रांसिस ने ग़ाज़ा में इज़रायली शासन की नीतियों की आलोचना की

पोप फ्रांसिस, जो कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु हैं, ने एक बार फिर ग़ाज़ा पट्टी में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनकी यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब ग़ाज़ा में इज़रायली शासन के हमलों से जनजीवन तबाह हो गया है।रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पोप फ्रांसिस ने वार्षिक राजनयिक सभा में अपने एक सहायक के माध्यम से भाषण पढ़वाया। इस भाषण में उन्होंने ग़ाज़ा की मानवीय स्थिति को “गंभीर और शर्मनाक” बताया।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम किसी भी सूरत में नागरिकों पर बमबारी स्वीकार नहीं कर सकते। हम यह नहीं सह सकते कि अस्पतालों के नष्ट होने और ऊर्जा संरचनाओं को निशाना बनाए जाने से बच्चे ठंड में मरें।”

पोप फ्रांसिस बीमारी के कारण इस सभा में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन उनके सहायक ने उनके विचारों को सभा में मौजूद 184 देशों के प्रतिनिधियों के सामने रखा। इस सभा में इज़रायली शासन के राजदूत की भी उपस्थिति रही, जो इस भाषण के संदर्भ में चर्चा का केंद्र बना।

हाल के महीनों में, पोप फ्रांसिस ग़ाज़ा में जारी हिंसा और मानवाधिकार हनन पर बार-बार अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। उन्होंने ग़ाज़ा में हो रहे हमलों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह जांचने का आग्रह किया था कि क्या फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ नरसंहार जैसे हालात बन रहे हैं?? इस बयान ने इज़रायल के राजनीतिक नेतृत्व को आक्रामक बना दिया और इज़रायली सरकार के एक मंत्री ने पोप के बयान की आलोचना भी की थी ।

ग़ाज़ा में इज़रायली शासन के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे। फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इज़रायली हमलों में अब तक 46,006 लोग शहीद हो चुके हैं और 1,09,378 लोग घायल हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इज़रायली सेना द्वारा अस्पतालों, स्कूलों, और नागरिक संरचनाओं को निशाना बनाए जाने के कारण ग़ाज़ा के लोगों के लिए जीवनयापन लगभग असंभव हो गया है।

पोप फ्रांसिस का यह रुख अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ग़ाज़ा में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरित करने का प्रयास है। उनकी अपील यह स्पष्ट करती है कि ग़ाज़ा में इज़रायली शासन के हमले केवल स्थानीय समस्या नहीं हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए नैतिकता और मानवाधिकारों की चुनौती हैं।

popular post

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे 

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे  बिहार चुनाव के शुरुआती

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *