फ़िलिस्तीन की स्थिति वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती: संयुक्त राष्ट्र

फ़िलिस्तीन की स्थिति वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने कहा कि 1967 में यरुशलम सहित फ़िलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्रों की स्थिति विश्व शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

फिलिस्तीन की स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन की स्वतंत्रता के लिए वैश्विक वादा पूरा नहीं किया गया है। गुटेरेश ने फ़िलीस्तीन के अलग अलग क्षेत्रों में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा स्तिथि के बुरे हालात का उल्लेख करते हुए कहा कि फ़िलिस्तीन की जनता बहुत अधिक हिंसा, असुरक्षा और इस्राईल द्वारा अपने घरों और अचल संपत्ति के छिन जाने से पीड़ित हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने नए साल में फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की स्तिथि और उसके अहस्तांतरणीय अधिकारों की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र समिति की पहली बैठक के उद्घाटन में अपनी स्पीच में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को, विवादों को हल करने के लिए सामूहिक प्रयासों को तेज़ करने और फ़िलिस्तीन की ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़े को समाप्त करने तथा संयुक्त राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय क़ानून और द्विपक्षीय समझौतों की ज़रूरत है।

अल-अरबी अल जदीद वेबसाइट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अपने बयान में यह भी कहा कि मक़सद दो अलग अलग राष्ट्र का निर्माण है, एक इस्राईल और एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीन, जो जून 1967 के समझौते के मुताबिक़ जीवन गुज़ारें और दोनों की राजधानी यरुशलम हो।

फ़ार्स न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार एंटोनियो गुटेरेश ने इस बात की तरफ़ इशारा करते हुए कि इसके अलावा और कोई हल नहीं है, कहा कि फ़िलिस्तीन और इस्राईल के अधिकारियों के बीच हाल ही में होने वाली बैठकें बेहद आशाजनक रही हैं और दोनों पक्षों से अपने संपर्कों का विस्तार करने का आह्वान किया है।

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