इज़रायल को बाहर करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों के अलावा कोई रास्ता नहीं: लेबनान

इज़रायल को बाहर करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों के अलावा कोई रास्ता नहीं: लेबनान

लेबनान के उप प्रधानमंत्री तारिक मतरी ने कहा कि इज़रायल द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों की अनदेखी और लेबनान की संप्रभुता के उल्लंघन के कारण वर्तमान स्थिति बेहद संवेदनशील हो गई है। उन्होंने अल-जज़ीरा को दिए गए एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नवाफ सलाम की सरकार की प्राथमिकता देश को गहरे संकट से निकालना और स्थिरता लाना है।

इज़रायल के अड़ियल रवैये पर चिंता
तारिक मतरी ने कहा कि इज़रायल लगातार संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को नज़रअंदाज कर रहा है और लेबनान की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “हम इस समय केवल कूटनीतिक माध्यमों से ही इज़रायल पर दबाव डाल सकते हैं ताकि वह हमारी भूमि से पीछे हटे।

सरकार और सेना की भूमिका पर ज़ोर
लेबनानी उप प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार को युद्ध और शांति से जुड़े निर्णय लेने में केंद्रीय भूमिका निभानी चाहिए, जबकि लेबनानी सेना को देश की सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा की ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायिक प्रणाली में सुधार और उसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है, ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी तरीके से कार्रवाई की जा सके।

इज़रायल की हठधर्मिता और अमेरिकी समर्थन
इस बीच, इज़रायली युद्ध मंत्री इस्राइल काट्ज़ ने यह स्पष्ट किया है कि “दक्षिणी लेबनान में बफर ज़ोन में हमारी सेना की तैनाती की कोई समय सीमा नहीं है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि इज़रायल को वाशिंगटन से इस तैनाती को बनाए रखने की अनुमति मिल गई है।

लेबनान के लिए संभावित चुनौतियां
इज़रायल द्वारा लेबनान के दक्षिणी हिस्से में लगातार सैन्य कार्रवाई और वहां अपनी सेना बनाए रखने के इरादे से लेबनान के सामने एक गंभीर चुनौती खड़ी हो गई है। सरकार को इस संकट से निपटने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज करना होगा, जबकि दूसरी ओर न्यायिक और प्रशासनिक सुधारों पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा।

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