नेतन्याहू अपने बचाव में यहूदी-विरोध का इस्तेमाल कर रहे हैं: ओल्मर्ट
इज़रायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहूद ओल्मर्ट ने कहा है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य नेता अपने ऊपर अत्यधिक बल प्रयोग के आरोपों से बचने के लिए यहूदी-विरोध (एंटी-समीटिज़्म) का इस्तेमाल करते हैं।
अल-जज़ीरा मुबाशर के हवाले से ओल्मर्ट ने कहा: “फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर पर यहूदी-विरोधी होने या आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाना एक बेतुकी बात है। इज़रायल एक बहिष्कृत सरकार बन चुका है।”
उन्होंने कहा: “जो कुछ हो रहा है वह अस्वीकार्य और क्षमाशील नहीं है, और एक समय आएगा जब डोनाल्ड ट्रंप को इसमें दखल देना पड़ेगा। ओल्मर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि फ़िलिस्तीनी पक्ष में बातचीत के लिए साझेदार मौजूद हैं, लेकिन इज़रायल बार-बार उन फ़िलिस्तीनी नेताओं को कमज़ोर करता है जो मध्य-मार्गी हैं।
ये बयान ऐसे समय आए हैं जब फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फ़िलिस्तीन को औपचारिक रूप से एक देश के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि यह कदम मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने की दिशा में एक प्रयास है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी एक कैबिनेट मीटिंग के बाद घोषणा की कि अगर इज़रायल ग़ाज़ा में “भयावह स्थिति” को ख़त्म करने के लिए गंभीर क़दम नहीं उठाता, तो ब्रिटेन भी एक महीने के अंदर फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा।
उन्होंने कहा: “यदि इज़रायली सरकार युद्ध-विराम की प्रतिबद्धता और दो-राष्ट्र समाधान के दीर्घकालिक शांतिपूर्ण दृष्टिकोण को नहीं अपनाती, तो ब्रिटेन सितंबर में फ़िलिस्तीन को मान्यता देगा।”
इस फ़ैसले पर इज़रायली अधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा: “मैक्रों का यह फैसला आतंकवाद को इनाम देने जैसा है और ग़ाज़ा की तरह मध्य पूर्व में एक ईरानी शाखा बनाने का ख़तरा पैदा करता है। ऐसे हालात में एक फ़िलिस्तीनी देश शांति का साझेदार नहीं बल्कि इज़रायल के विनाश का मंच बनेगा।”
इज़रायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने मैक्रों के बयान को “निरर्थक और ग़ैर-गंभीर” बताया और कहा: “फ़िलिस्तीनी देश मतलब हमास का देश, जैसा कि ग़ाज़ा से इज़रायली वापसी के बाद हुआ था। अब इज़रायल अपनी सुरक्षा को दांव पर नहीं लगाएगा। ऊर्जा मंत्री एली कोहेन ने मैक्रों की तुलना नाज़ी नीति से कर दी और कहा: “मैक्रों आतंकवाद को मज़बूती दे रहे हैं। उन्हें इज़रायल को कुछ भी थोपने का अधिकार नहीं है।”


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