एक देश दो साल और चार चुनाव, लेकिन राजनैतिक गतिरोध जस का तस ! यह स्थिति है इस्राईल की जो अब धीमे धीमे आंतरिक युद्ध की ओर बढ़ रहा है। जनता प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं अन्य मामलों को लेकर पिछले 9-10 महीने से प्रदर्शन कर रही है।
अब इस क्रम में एक अन्य मुहिम भी जुड़ गयी है और वह यह कि जनता विपक्षी नेताओं के घरों के समाने प्रदर्शन कर रही कि विपक्ष एकजुट होकर सरकार बनाए और किसी भी क़ीमत पर नेतन्याहू को सत्ता से दूर रखे वह देश के लिए खतरा है।
इस्राईल हर गुज़रते दिन के साथ बिखरने की ओर बढ़ रहा है कहा जाता है कि इस्राईल में आंतरिक मतभेद इतना गहरा गया है कि हर तीसरा इस्राईली नागरिक अपनी अलग पार्टी बना कर खड़ी करने के लिए तैयार है।
एक ओर इस्राईल शासन दूसरे देशों से संबंध स्थापित कर विश्व जनमत में यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि वह एक देश के रूप में एकजुट है लेकिन सच्चाई यह है कि इस्राईल के अंदर बहुत मतभेद हैं और यह मतभेद इतना गहरा और व्यापक है कि कहा जाने लगा है कि अगर तीन इस्राईली हों तो उनमें से हर एक अपनी अलग पार्टी बनाएगा। हाँ मगर जब बात इस्लाम, मुस्लिम देशों और मुसलमानों से मुकाबले की आती है तो वह एकजुट दिखने की कोशिश करते हैं।