नाफ़्ताली बेनेट बने इस्राईल के प्रधानमंत्री, ईरान से दुश्मनी वैसे ही….!, इस्राईल में नेतन्याहू की सत्ता को ख़त्म करने का उनके विरोधियों का सपना पूरा हो गया, नीसेट यानी इस्राईली सांसद में विश्वास मत हासिल कर गठबंधन के नेता नाफ़्ताली बेनेट इस्राइल के प्रधानमंत्री बन गए।
इस्राईल में अभी तक सबसे अधिक समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने जाते जाते अपनी वापसी का एलान कर गए हैं, आपको बता दें कि नेतन्याहू 12 साल तक इस्राइल के प्रधानमंत्री रहे हैं।
71 साल के नेतन्याहू ने सांसद में दिए जाने वाले अपने भाषण में नई सरकार को ख़तरनाक बताते हुए इस्राइल की सुरक्षा को अपना उद्देश्य बताया और कहा कि वह पूरी ताक़त से विपक्ष का रोल निभाएंगे, लिकुड पार्टी का नेतृत्व करेंगे और जब तक गठबंधन सरकार को हटाते नहीं चैन से नहीं बैठेंगे।
इस्राईल के नए प्रधानमंत्री बेनेट हाइटेक धन कुबेर हैं, गठबंधन में उनके साथ वामपंथी दल, मध्यमार्गी दल और अरब पार्टी शामिल हैं, बेनेट ने याइर लैपिड के साथ मिलकर गठबंधन किया है, लैपिड इस सरकार में विदेश मंत्री होंगे और सरकार का आधा कार्यकाल पूरा होने पर समझौते के अनुसार वह प्रधानमंत्री पद पर बैठेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि निजी मामलात में ख़ुद को मेंटेन बताने वाले इस्राइल ने दो साल से कम समय में चार चुनाव हुए हैं तब जाकर इस दौर की यह पहली बहुमत वाली सरकारीm मिली है।
विशेष सत्र में चार घंटे की इस बैठक की शुरुआत में बेनेट ने नेतन्याहू को प्रधानमंत्री के तौर पर किए गए कार्यों के लिए धन्यवाद कहा, और साथ ही ऐसा कहा जा रहा है कि उनके पहले ही बयान से यह लग गया कि वह फ़िलीस्तीन के मामले में पूर्व सरकार की तरह आक्रमक नहीं रहेंगे, क्योंकि अरब पार्टी ने उन्हें समर्थन दिया है इसलिए उन्हें 21% अरब आबादी के हितों और अधिकारों को ध्यान में रखना होगा।
साथ ही बेनेट ने यह भी साफ़ कर दिया कि प्रशासनिक व्यवस्था में कोई फेरबदल नहीं करेंगे जिसका मतलब यह है कि शासन नेतन्याहू के दक्षिणपंथी नजरिये से ही चलेगा, साथ ही बेनेट ने यह भी कहा वह अमेरिका के 2015 में ईरान के साथ परमाणु समझौते में वापस लौटने का विरोध करेंगे लेकिन और दूसरे मामले में राष्ट्रपति जो बाइडन का समर्थन करेंगे।