अधिकांश इज़रायली, ग़ाज़ावासियों के जबरन विस्थापन के समर्थक

अधिकांश इज़रायली, ग़ाज़ावासियों के जबरन विस्थापन के समर्थक

एक नए सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है कि अधिकांश इज़रायली, ग़ाज़ा पट्टी के फ़िलिस्तीनियों को जबरन बाहर निकालने के पक्ष में हैं। इस सर्वेक्षण के नतीजों से स्पष्ट होता है कि इज़रायली शासन के तहत रहने वाले अधिकांश लोग फ़िलिस्तीनियों को उनकी ज़मीन से विस्थापित करने की योजना का समर्थन कर रहे हैं।

सर्वेक्षण के नतीजे
सोमवार को प्रकाशित किए गए इस सर्वेक्षण को “इज़रायली यहूदी पब्लिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट” (Jewish People Policy Institute) ने किया था। इसमें बताया गया कि 80 प्रतिशत इज़रायली, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित उस योजना का समर्थन करते हैं, जिसमें ग़ाज़ा पट्टी के फ़िलिस्तीनी नागरिकों को जबरन दूसरे देशों में विस्थापित करने की बात की गई है।

इस सर्वेक्षण के नतीजे ऐसे समय पर सामने आए हैं जब इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, वॉशिंगटन में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले थे।

क्या इज़रायली जनता को यह योजना व्यावहारिक लगती है?
जब इस योजना के व्यवहारिक होने को लेकर लोगों से राय मांगी गई, तो सर्वेक्षण में भाग लेने वाले इज़रायलियों में से 43 प्रतिशत ने कहा कि ट्रंप की योजना पूरी तरह व्यावहारिक है और इसे लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा, 30 प्रतिशत इज़रायलियों ने इस योजना को “व्यावहारिक नहीं, लेकिन वांछनीय” करार दिया। इसका मतलब यह हुआ कि वे इस विचार का समर्थन करते हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि इसे लागू करना वास्तविक रूप से कठिन होगा।

क्या इसे अनैतिक माना गया?
सर्वेक्षण में शामिल इज़रायलियों में से केवल 13 प्रतिशत ने इस योजना को “अनैतिक” करार दिया। इस समूह में शामिल लोगों का धार्मिक और जातीय आधार देखा जाए, तो 54 प्रतिशत अरब थे, जबकि सिर्फ 3 प्रतिशत यहूदी थे।

इस सर्वेक्षण से यह स्पष्ट होता है कि इज़रायली शासन के अधीन अधिकांश यहूदी नागरिक ग़ाज़ा के फ़िलिस्तीनियों को जबरन निकालने की योजना को नैतिक या व्यावहारिक रूप से सही मानते हैं। वहीं, बहुत ही कम प्रतिशत लोग इसे अनैतिक मानते हैं, जिनमें अधिकांश अरब नागरिक हैं।

यह वास्तविकता है कि, नेतन्याहू प्रशासन के लिए हमास केवल ग़ाज़ा पट्टी पर बमबारी के लिए एक बहाना था। वर्ना ग़ाज़ा पट्टी के अस्पतालों और स्कूलों पर कभी भी हमला नहीं किया जाता। दरअसल क़ब्ज़ाधारी इज़रायली शासन का मक़सद ग़ाज़ा को इस तरह बर्बाद करना था कि, वह दोबारा कभी आबाद न हो सके।

युद्ध में सफलता नहीं मिलने पर अब नेतन्याहू प्रशासन ग़ाज़ा वासियों का डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जबरन निर्वासन करवाना चाहता है। यह सर्वेक्षण यह दर्शाता है कि फ़िलिस्तीनियों को उनकी ज़मीन से जबरन हटाने का विचार, इज़रायली जनता में व्यापक समर्थन प्राप्त कर रहा है। इज़रायल की जनता भी ग़ाज़ा में होने वाले अत्याचार और नरसंहार में बराबर की भागीदार है।

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