ग़ाज़ा में इज़रायली बमबारी से अब तक 17,000 से अधिक बच्चों और 11,000 से अधिक महिलाओं की शहादत
ग़ाज़ा के सरकारी सूचना कार्यालय के महानिदेशक ने हाल ही में अल-जजीरा को दिए गए एक साक्षात्कार में बताया कि इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा पट्टी में अब तक 17,000 से अधिक बच्चों और 11,000 से अधिक महिलाओं की जान ले ली है। यह संख्या उस निर्दयता और हिंसा को दर्शाती है जो इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा के नागरिकों के खिलाफ की है। अधिकारी ने इस कार्रवाई को साफतौर पर नस्लीय सफाई का युद्ध करार दिया और कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ यह एक ऐतिहासिक और व्यापक नरसंहार है।
महानिदेशक ने यह भी उल्लेख किया कि इस मौजूदा हालात में ग़ाज़ा के लोग अपनी पूरी उम्मीद रूस और चीन पर लगा रहे हैं कि वे अमेरिका के समर्थन से चलने वाली इज़रायली नीतियों के खिलाफ खड़े होंगे। उनका कहना था कि अब तक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी से यह स्पष्ट है कि ग़ाज़ा में होने वाले इस निरंतर रक्तपात पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है, और यह चिंता का विषय है।
इसके अलावा, ग़ाज़ा के 15 महत्वपूर्ण सेक्टर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं, जिसमें स्वास्थ्य सेवा का क्षेत्र भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक ग़ाज़ा पट्टी में 950 से अधिक डॉक्टर और नर्सें शहीद हो चुकी हैं, जो इस संकट की गहराई को और उजागर करती है। उत्तर ग़ाज़ा में 4 अस्पतालों में से सिर्फ 2 अस्पताल ही अभी कार्यरत हैं, और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।
महानिदेशक ने चेतावनी दी कि इज़रायल उत्तरी ग़ाज़ा पट्टी से जबरन पलायन की योजना पर काम कर रहा है, जो ग़ाज़ा के निवासियों के लिए एक और गंभीर खतरा है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हुए कहा कि इस निरंतर हिंसा और हत्याओं के प्रति चुप्पी बरतना एक गंभीर अन्याय है। ग़ाज़ा के लोगों के लिए यह बेहद कठिन समय है, और उन्हें वैश्विक समर्थन की सख्त जरूरत है ताकि इस तरह की घटनाओं का अंत हो सके।