तुर्की में तैयब एर्दोगान के विरोधियों की सामूहिक गिरफ़्तारी जारी

तुर्की में तैयब एर्दोगान के विरोधियों की सामूहिक गिरफ़्तारी जारी

तुर्की में रजब तैयब एर्दोगान के विरोधियों की सामूहिक गिरफ़्तारी का सिलसिला जारी है, जिसमें 282 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर “पी.के.के.” (कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी) से जुड़ने का आरोप लगाया गया है, एक ऐसा संगठन जिसे तुर्की सरकार ने आतंकवादी घोषित किया है। हालांकि, इन गिरफ्तारियों को तुर्की सरकार की आलोचना के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि इनमें पत्रकारों, राजनेताओं, और शिक्षाविदों जैसी विरोधी आवाज़ों को निशाना बनाया गया है।

इस अभियान में तुर्की पुलिस ने 51 प्रांतों में छापेमारी की, जिनमें राजधानी अंकारा और इस्तांबुल जैसे प्रमुख शहर भी शामिल थे। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में डेमोक्रेटिक पीपुल्स कांग्रेस (HDK) के सदस्य, वामपंथी पार्टियों के नेता और प्रमुख कानूनी कार्यकर्ता भी थे, जिन पर पी.के.के. के पक्ष में प्रचार करने और विरोध प्रदर्शन में भाग लेने का आरोप लगाया गया है।

हालांकि, तुर्की पत्रकार संघ ने तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है, उनका कहना है कि ये पत्रकार सिर्फ अपने पेशेवर कर्तव्यों को निभा रहे थे और उन्हें निशाना बनाया गया। इस तरह की कार्रवाइयों को तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान की सरकार की सख्त नीतियों और लोकतंत्र के खिलाफ एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है।

इस ऑपरेशन में स्वचालित हथियारों की बरामदगी ने सरकार के दावे को बल दिया है कि ये गिरफ्तारियां सुरक्षा से संबंधित थीं, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह एर्दोगान के विरोधियों की आवाज़ को दबाने का एक और तरीका है। इस तरह के अभियान को तुर्की में राजनीतिक अस्थिरता और असहमति की आवाज़ों को कुचलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

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