क़ासिम सुलैमानी की शहादत: दुनिया के लिए प्रेरणा
शहीद कासिम सुलेमानी को न केवल ईरान बल्कि पूरी दुनिया में उनकी असाधारण दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता के लिए याद किया जाता है। 3 जनवरी 2020 को, बगदाद हवाई अड्डे पर एक अमेरिकी ड्रोन हमले में सिपहसालार क़ासिम सुलेमानी और हश्द अल-शाबी के उपप्रमुख अबू महदी अल-मुहंदिस शहीद हो गए। उस समय, सुलेमानी इराकी सरकार के आधिकारिक अतिथि के रूप में बगदाद पहुंचे थे। यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के उल्लंघन का स्पष्ट उदाहरण था।
इस घटना ने न केवल ईरान बल्कि पूरे विश्व में आक्रोश पैदा किया। सुलेमानी की शहादत ने उन्हें ‘अंतरराष्ट्रीय प्रतिरोध’ के प्रतीक के रूप में स्थापित कर दिया। अमेरिका को यह अंदाजा नहीं था कि ‘शहीद सुलेमानी’ उसके लिए ‘जिंदा सुलेमानी’ से भी अधिक खतरनाक साबित होंगे। उनकी शहादत ने, न केवल प्रतिरोध आंदोलनों को और भी मजबूत किया, बल्कि उन्होंने अन्याय और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वालों के लिए एक प्रेरणा भी छोड़ी।
शहीद कासिम सुलेमानी की दूरदर्शिता और नेतृत्व
शहीद कासिम सुलेमानी ने पश्चिम एशिया में अमेरिकी योजनाओं को नाकाम करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी रणनीतियों ने ईरान को रक्षा और कूटनीति के मोर्चे पर मजबूत किया, जबकि प्रतिरोधी मोर्चे को एकजुटता और सफलता की राह दिखाई।
सुलेमानी ने हमेशा उत्पीड़ितों का समर्थन करने और अत्याचारियों का विरोध करने को अपना मिशन बनाया। उनके नेतृत्व में हिज़्बुल्लाह, हमास और अन्य प्रतिरोधी समूहों को हौसला और ताकत मिली। उनका जीवन न केवल युद्धक्षेत्र में उपलब्धियों का प्रतीक था, बल्कि राजनीतिक, नैतिक और सामाजिक सिद्धांतों का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी था।
शहीद सुलेमानी की शहादत ने न केवल ईरान बल्कि पूरी वैश्विक बिरादरी को झकझोर कर रख दिया। वे अपनी दूरदर्शिता और साहस के साथ आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं और न्याय और सत्य की लड़ाई के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं।
शहीद सुलेमानी का प्रभाव
क़ासिम सुलेमानी को उनकी रणनीतिक सूझ-बूझ, साहस, और मानवीय गुणों के लिए याद किया जाता है। उन्होंने ईरान और उसके सहयोगी देशों को क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय खतरों से सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी शहादत के बाद, उनके विचार और कार्य उनके अनुयायियों के लिए मार्गदर्शन के रूप में जीवित हैं।
उनकी बरसी पर यह संदेश केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि न्याय, स्वतंत्रता और प्रतिरोध की राह पर चलने वालों के लिए एक प्रेरणा है। उनका जीवन यह सिखाता है कि एक सच्चा नायक वह है, जो न केवल दुश्मनों के खिलाफ लड़ता है, बल्कि अपने कार्यों और व्यक्तित्व से दिल जीतकर इतिहास में अमर हो जाता है।
शहीद सुलैमानी की बरसी पर इस्माईल बक़ाई का संदेश
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने आज (गुरुवार) 13 दिही और शहीद सिपहसालार क़ासिम सुलेमानी की पांचवीं बरसी के मौके पर अपने संदेश में कहा: “आज के युग में, जहां युद्धकला, हथियारों, बमों और मारे गए लोगों की संख्या पर निर्भर है, वहीं शहीद सरदार सुलैमानी ‘ दिलों के सरदार’ नाम से मशहूर हुए। क्योंकि बड़े सिपहसालार केवल भौगोलिक क्षेत्रों के विजेता नहीं होते, बल्कि वे दिलों को जीतते हैं, और उनकी जीत हमेशा के लिए अमर रहती है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस्लाम के बहादुर सिपहसालार, प्रतिरोध का गर्व, वतन के सिपाही, आतंकवाद और आईएसआईएस से लड़ने वाले महान नायक ‘हाज क़ासिम सुलेमानी’ की शहादत की बरसी पर, हम उनको सम्मान के साथ याद करते हैं और ईरान की रक्षा, आक्रमण, आतंकवाद और कब्जे के खिलाफ संघर्ष करने वाले सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”
फार्स समाचार एजेंसी के अनुसार, सिपहसालार क़ासिम सुलेमानी बगदाद पहुंचते ही, जब वे इराकी सरकार के मेहमान थे, अमेरिकी सरकार के आतंकी हमले में हश्द अल-शाबी के उपप्रमुख अबू महदी अल-मुहंदिस के साथ शहीद हो गए। उनकी शहादत ने उन्हें अंतराष्ट्रीय स्टार पर पूरी दुनियां का सबसे महान जनरल बना दिया। अमेरिका को यह मालूम नहीं था कि, उसके लिए ज़िंदा सरदार सुलैमानी से ज़्यादा शहीद सुलैमानी खतरनाक हैं।