येडियट अहरनोट ने सोमवार को दिए गए बयान में कहा कि लिकुड ने आम चुनाव से पहले ‘पीए’ के मौन समर्थन पर जीत की उम्मीद में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के साथ गुप्त बातचीत शुरू की और अरब वोटरों को संयुक्त अरब सूची से लिकुड के तरफ जाने के लिए प्रोत्साहित किया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में उपमंत्री और लिकुड के ड्रूज सदस्य फतीन मुल्ला ने हाल ही में फिलिस्तीन के केंद्रीय समिति के सदस्यों के साथ बातचीत की जिसका मकसद फिलीस्तीनी अथॉरिटी लीडरों द्वारा चुपचाप इस्राईल के अरब वोटरों को संयुक्त अरब सूची के बजाय लिकुड का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करना था।
इस्राईली न्यूज़ एजेंसी इस्राईल नेशनल न्यूज़ के अनुसार रामल्लाह के अधिकारियों ने येडियट अहरनोट को बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में गुप्त बातचीत शुरू की गई थी जो कि किसी भी तरह के समझौते के लिए असफल रही, इस कारण इसे बंद कर दिया गया।
आपको बता दें कि इस बातचीत मे रामल्लाह में लिकुड और फतह अधिकारियों के बीच एक आम बैठक में पीए के साथ इस्राईल के कई अधिकारियों को निमंत्रण दिए जाने की योजना बनाई गई थी लेकिन इस्राईल द्वारा इंकार किए जाने पर इस को टाल दिया गया।
रामल्लाह के सूत्रों द्वारा बताया गया कि कुछ पीए अधिकारी आने वाले चुनावों में इस्राईल की जीत को ज़रूरी मानते हैं और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का समर्थन करते हैं।