जॉर्डन ने जुटाए सुबूत, तख्तापलट की साजिश में सऊदी अरब का हाथ किंग अब्दुल्लाह के खिलाफ तख्तापलट की साजिश में अदालती कार्रवाई जोर-शोर से जारी है।
जॉर्डन इंटेलिजेंस ने अप्रैल माह में तख्तापलट की साजिश का पर्दाफाश कर के रख दिया है।
इंटेलिजेंस ऑनलाइन ने इस साजिश के मुख्य कर्ताधर्ता के रूप में पहचाने जा रहे शाही अदालत के पूर्व प्रमुख बासिम एवज़ुल्लाह और शरीफ हसन बिन ज़ाएद के खिलाफ जारी अदालती कार्यवाही का विस्तार पूर्वक वर्णन किया है।
किंग अब्दुल्लाह के भरोसेमंद मेजर जनरल अहमद हसनी के नेतृत्व वाली जॉर्डन इंटेलिजेंस ने अदालत में और विश्वसनीयता हासिल कर ली है। पिछले सप्ताह ही पूर्व क्रॉउन प्रिंस हम्ज़ा बिन हुसैन के परिवार से जुड़े लोगों के खिलाफ तख्तापलट की साजिश में शामिल होने के अपराध में अदालती कार्यवाही शुरू की गई है।
जॉर्डन इंटेलिजेंस का मानना है कि तख्तापलट की इस पूरी साजिश के पीछे जॉर्डन और सऊदी की दोहरी नागरिकता रखने वाले बासिम एवज़ुल्लाह प्रमुख था जिसे सऊदी अरब का भरपूर समर्थन हासिल है।
13 जून से शुरू हुई अदालती कार्रवाई में बासिम और शरीफ हसन बिन ज़ाएद पर राजशाही के विरुद्ध उकसाने और समाज एवं देश की सुरक्षा को खतरे में डालने जैसी गतिविधियों के लिए आरोप तय किए गए हैं।
सऊदी लीक्स ने रिपोर्ट देते हुए कहा कि इंटेलिजेंस ऑनलाइन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शाही दरबार के पूर्व प्रमुख एवं वित्त मंत्री रहे बासिम और जॉर्डन के राज परिवार से ही संबंध रखने वाले कारोबारी शरीफ हसन बिन जाएद को अदालती कार्यवाही के केंद्र में रखा गया है।
जार्डन के पूर्व युवराज एवं किंग अब्दुल्लाह के सौतेले भाई हम्ज़ा बिन हुसैन अदालत में हाजिर नहीं थे और ना ही उनके खिलाफ कोई आरोप तय किया गया है उन्हें विशेष रियायत दी गई है।